श्रीनगर : जामू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल 28 जून को खत्म हो रहा है। साथ ही जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने के बाद सूबे में राज्यपाल शासन लागू हो गया है। इसी के चलते एक सवाल चर्चा का विषय बन गया है कि बतौर राज्यपाल केंद्र की ओर से चलाए जाने वाले शासन की बागडोर अब किसके हाथों में होगी। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एनएन वोहरा का कार्यकाल फिर से बढ़ाया जा सकता है, सरकार की ओर से इस संबंध अभी तक कोई कवायद शुरू नहीं की गई है। इस बीच बीवीआर सुब्रह्म्णयम को प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया गया है।
वोहरा की मदद के लिए दो सलाहकारों को भी नियुक्त किया गया है। सूत्र के हवाले खबर है की सूबे में शांति और अमन चैन कायम रखने के लिए राज्यपाल के रूप में जो नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें जम्मू-कश्मीर मामले में केंद्र के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा और पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग प्रमुख हैं। दिनेश्वर शर्मा वोहरा की तरह एक नौकरशाह हैं, लेकिन वह खुफिया अफसर रहे हैं।
1976 में केरल कैडर के आईपीएस अफसर रहे दिनेश्वर 2016 में आईबी चीफ के रूप में रिटायर हुए। पिछले साल उन्हें केंद्र के वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया गया था। एनएन वोहरा से पहले पूर्व सेना प्रमुख एसके सिन्हा सूबे के राज्यपाल रहे थे। वोहरा की जगह दलबीर सिंह सुहाग का नाम भी सुर्खियों में है, सुहाग भी सेना प्रमुख रहे हैं। पिछले महीने 29 मई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सुहाग से मिलने उनके घर भी गए थे।
मोदी सरकार के पास यह विकल्प भी है कि वो वोहरा के कार्यकाल को फिर से बढ़ा दे। हालांकि कहा जा रहा है कि वोहरा आगे सेवा देने के प्रति इच्छुक नहीं हैं। सूबे के कई राजनीतिक दल उनके काम की तारीफ कर चुके हैं। उनके रिटायर (28 जून) होने के दिन ही अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है, वह श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। हो सकता है कि यह यात्रा खत्म होने तक उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए। अमरनाथ यात्रा 26 अगस्त को खत्म होगी। अमरनाथ यात्रा को लेकर वोहरा ने काफी काम किया है और उन्हीं वजह से यात्रा सुगम हुई।
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