बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बता दे कि योग दिवस कार्यक्रम से दूरी बनाने वाले नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं तो वहीं अब सीटों के बंटवारे को लेकर खबरें आ रही हैं। JDU अब NDA भागीदारों के बीच एक सहमति चाहती है जो लोकसभा 2019 और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में प्रत्येक पार्टी की सीटों की हिस्सेदारी निर्धारित करे।
जेडीयू के सूत्रों के हवाले से कहा कि अगर बीजेपी बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर सीट बांटेगी तो वह इस प्रस्ताव को नकार देगी। बीजेपी को यह समझना होगा 2019 के चुनाव में 2014 जैसी स्थिति नहीं है। उपचुनाव के नतीजों से जनता के मिजाज का पता चल गया है। वह अब कुछ और ही सोच रही है।
जेडीयू नेताओं ने कहा कि 2014 में बिहार में राजग को 40 में से 31 लोकसभा सीटें मिली थीं। बीजेपी को अकेले 22 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. उस समय जेडीयू को मात्र 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
जेडीयू सूत्रों ने कहा कि उपचुनावों के हालिया नतीजों के साथ 2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी गौर करना होगा। इसमें जेडीयू को 71 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी को 53 सीटें मिली थीं।
जेडीयू सूत्रों ने कहा कि राम विलास पासवान की एलजेपी के छह एमपी हैं लेकिन बिहार में सिर्फ 2 एमएलए हैं। वहीं उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के पास 3 सांसद हैं लेकिन विधानसभा में सिर्फ 2 सदस्य हैं।
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