उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्राम प्रधानों को अपनी ऊर्जा समाज तथा राष्ट्र के निर्माण के लिये लगानी चाहिये।उन्होंने कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिये ग्राम प्रधान से लेकर शासन में शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा।
योगी आदित्यनाथ आज यहॉ रसखान प्रेक्षागृह में ग्राम स्वराज अभियान के तहत आयोजित ‘मुख्यमंत्री ग्राम प्रधान संवाद’ कार्यक्रम के अवसर पर चयनित गांवों के ग्राम प्रधानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान समाज की वह कड़ी है जो कि अपने गांव की दशा एवं दिशा दोनों ही परिवर्तित कर सकता है। ग्राम प्रधानों को अपनी सकारात्मक सोच से भेदभाव रहित विकास में अपना योगदान देना होगा। ग्राम प्रधान जब चुनाव लड़ता है तो वह, व्यक्ति विशेष अथवा परिवार विशेष का सदस्य होता है लेकिन जब वह निर्वाचित होकर आता है, तो वह सर्वजन का सदस्य हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम प्रधानों को अपने गॉव में‘सबका साथ सबका विकास’की अवधारणा को आत्मसात करना चाहिये। गांव के प्रत्येक व्यक्ति के साथ अपने परिजन सा व्यवहार कर शासन की संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराना चाहिये। तभी गॉव में खुशहाली एवं भाईचारे की भावना को बल मिलेगा और लोगों का जीवन सुखमय व जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।
योगी आदित्यनाथ ने ग्राम प्रधानों से कहा कि लोगों में जनजागरूकता लायें ताकि वह अपने अधिकारों के प्रति सजग हों और योजनाओं का लाभ उठा सकें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में जो समितियां हैं उनके पदाधिकारी/सदस्यों को कर्तव्य एवं उद्देश्यों की भरपूर जानकारी होनी चाहिये ताकि वह सक्रिय होकर धरातलीय कार्य कर सकें।
उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को भारी भरकम बजट भी मुहैया कराया जा रहा हैं। वह भी सीधे ग्राम निधि के खाते में और इसमें किसी भी प्रकार से उच्चाधिकारियों की दखलंदाजी भी नही है। जिस प्रकार चाहे ग्राम प्रधान अपने ग्राम का विकास कर सकते हैं। उन्होंने गॉव की स्वच्छता पर बल देते हुए कहा कि गॉव को स्वच्छ रखने में ग्राम प्रधान अपनी महती भूमिका निभायें तभी गॉधी जी ग्राम स्वराज की परिकल्पना साकार हो सकेगी।
आंगनवाड़ केन्द्रों को साधनसंपन्न एवं सक्रिय करते हुए गॉव में कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सार्थक प्रयास किये जाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमारे गॉव में एक भी बच्चा कुपोषण का शिकार है तो यह हम सबका दुर्भाज्ञ है। हमारा परम कर्तव्य है कि हम अपने प्रयासों से उसे कुपोषित होने से बचायें ताकि उसकी ऊर्जा का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग किया जा सके। उन्होंने गॉवों में शुद्व पेयजल आपूर्ति की भी बात कही। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शासन द्वारा संचालित योजनाएं यदि समय से नहीं पूर्ण हो पाती हैं तो उससे पूरा समाज प्रभावित होता है। गॉवों में प्रधान व वहॉ के नागरिक अपने प्रयासों से स्वच्छ एवं खुशहाल वातावरण को निर्मित कर सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि गॉव में वातावरण खुशहाल होगा, तो राजस्व से जुड़ विवाद स्वत: ही समाप्त हो जाएंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पंच परमेश्वर की अवधारणा की याद दिलाते हुए गॉवों के झगड़े को आपसी सहमति से समाप्त करने की सलाह भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह सोच रही कि उपेक्षित लोगों तक शासकीय योजनाओं का लाभ कैसे पहुचाया जाये, उनके जीवन स्तर को कैसे ऊंचा उठाया जाये। इसी को साकार करने के लिए उन्होंने ग्राम स्वराज अभियान की शुरूआत की। इस अभियान के तहत प्रथम चरण में प्रदेश में लगभग 21 हजार व हरदोई में 279 ग्रामों को चयनित कर केन्द्र और प्रदेश सरकार की संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत केन्द्र सरकार की सौभाज्ञ योजना, उज्ज्वला योजना, इन्द्र धनुष योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व जन धन योजना के साथ ही प्रदेश सरकार की वृद्धावस्था, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन योजना, नि:शुल्क बोरिंग स्टार्ट अप, स्टैण्ड अप, प्रधानमंत्री आवास योजना, नि:शुल्क पेयजल योजना, राशन कार्ड सहित कई योजनाओं का लाभ आम जनता के पास पहुचाने का कार्य किया जा रहा है।
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