नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ हुए अत्याचार के मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले ने राज्य की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है। मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ रेप हुआ है। लेकिन बिहार में केवल ये एक शेल्टर होम नहीं है, जहां लड़कियों को शारीरिक, मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में ऐसे 14 अन्य शेल्टर होम मौजूद हैं।
इस रिपोर्ट में ही पहली बार मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों पर हो रहे अत्याचार का जिक्र था। रिपोर्ट के मुताबिक इन शेल्टर होम में बच्चियों के साथ न केवल बलात्कार हुआ बल्कि यहां लड़कियां प्रेग्नेंट भी हुईं और कई के तो बच्चे भी हैं। इस रिपोर्ट में राज्य के 35 जिलों के 110 शेल्टर होम की जानकारी है। रिपोर्ट में 15 शेल्टर होम का जिक्र है, जहां लड़कियों के साथ सेक्सयुल और शारीरिक शोषण हुआ है। इनमें से एक शेल्टर होम ब्रजेश ठाकुर का था।
वहीं रिपोर्ट में ‘Grave Concerns’ शीर्षक से एक अलग भाग है, जिसके उन संस्थानों का नाम दिया गया है, जिन पर तुरंत एक्शन लेने की आवश्यकता है। वहीं रिपोर्ट में शेल्टर होम में रह रहे लड़को पर भी अत्याचार की बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक शेल्टर होम में रात के खाने के बाद लड़कों को उनके वॉर्ड में लॉक कर दिया जाता है। यहां तक की उन्हें टॉयलेट तक नहीं जाने दिया जाता था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘रात के खाने के बाद लड़कों को वॉर्ड में लॉक कर दिया जाता है, उन्हें टॉयलेट ने जाने दिया जाता है, हमें उनके वॉर्ड ने यूरिन से भरी बोतलें मिली हैं।’ब्रजेश ठाकुर के शेल्टर होम के बारे में रिपोर्ट में कहा गया था कि संस्थान में बच्चियों के साथ सेक्सयुल हिंसा की जा रही है। ये सभी लड़कियां कम उम्र की हैं और कमजोर घरों से आती हैं। इनके साथ ये यातना सजा के नाम पर की जाती है। लड़कियों का कहना है कि उनके साथ रोजाना संस्थाने के पुरुष कर्मी छेड़छाड़ करते हैं।