देश के अलग अलग हिस्सों में धूल भरी तेज आंधी और और बारिश से अब तक 40 की मौत और 20 लोग घायल हो चुके है। बारिश और तूफ़ान की सबसे ज्यादा मार देश के किसानों पर पड़ी है। तेज बारिश के कारण खेतों में कड़ी पकी फसलों को भरी नुकसान हुआ है। दिल्ली और एनसीआर में मंगलवार रात तेज आंधी के साथ हल्की बारिश हुई। नोएडा और गुड़गांव समेत दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में आंधी तेज रफ्तार से हवा चली।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के विभिन्न हिस्सों में आंधी-तूफान और बेमौसम बारिश से कई लोगों की मौत होने पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘गुजरात के विभिन्न हिस्सों में आंधी-तूफान और बेमौसम बारिश से कई लोगों की मौत पर दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। प्रभावितों को हर संभव मदद मुहैया करायी जा रही है।’’
मंगलवार की शाम को मौसम अचानक बदल गया। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल, हरियाणा और नई दिल्ली में बारिश, आंधी और बिजली गिरने से 40 लोगों की मौत हो गई। जबकि 20 घायल हैं। ज्यादा नुकसान गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हुआ है। आकाशीय बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौत मध्यप्रदेश में हुई हैं। अगल-अलग जहगों पर बिजली गिरने से अभी तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं। मध्य प्रदेश में 15, राजस्थान-गुजरात में 9-9, जबकि दिल्ली और बिहार में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है।
मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाभरा थाना क्षेत्र के मायावट गांव में बिजली गिरने से एक युवक की मौत और दो अन्य झुलस गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार मायावट गांव के तीन युवक तड़के महुआ बीनने गए थे। तभी बिजली गिरने से उसकी चपेट में आने से 18 वर्षीय एक युवक की मौत हो गयी और दो अन्य झुलस गए। दोनों को इलाज के लिए आलिराजपुर के जिला चिकित्सालय में भती कराया गया है। मृतक युवक की पहचान नहीं हो सकी है।
वहीं ग्राम मिरियावट में फतेसिंह जमरा के यहां पर बिजली गिरने से एक बैल व मुर्गे की भी मौत हो गई है। झाबुआ जिले के रायपुरिया क्षेत्र में भी बिजली गिरने से एक बैल और भैस की मृत्यु की सूचना है। झाबुआ-अलीराजपुर जिले में पिछले चौबिस घंटो में मौसम ने करवट ली है और आसमान में काले घने बादलों ने डेरा डाला, रात में अचानक तेज आंधी तूफान चले और कई स्थानों पर बारिश हुई।
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में किसानों पर उस समय दोहरी मार पड़ी ओलावृष्टि और नहर टूटने से खेतों में पक चुकी फसलें नष्ट हो गईं। प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान बैसाखी के बाद कल कटाई की तैयारी में था कि भारी वर्षा, अंधड़, तूफान और अत्यधिक ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। अंधड़-तूफान के कारण गंगनहर परियोजना की श्रीगंगानगर जिले में आये तेज अंधड़, बारिश एवं ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
वही गंगनहर परियोजना की जीजी माइनर, एलएनपी, पीएस, रिड़मलसर माइनर, करणीजी, एफ, एच, समेजा माइनर, डीडी हैड तथा एमके-टीके हैडों पर नहरें टूट गईं अथवा ओवरफ्लो हो गई, इसे उनका पानी खेतों में फैल गया। समेजा माइनर दो जगह से टूट गई। नहर अध्यक्ष महावीर गोदारा के प्रयासों से नहर को बांधकर ज्यादा नुकसान होने से बचा लिया गया। चक 63 एलएनपी के पास एलएनपी नहर के टूट जाने से सबसे ज्यादा तबाही मची है। जीजी नहर में चक 35 जीजी हैड के पास करीब 20 फुट का कटाव आ गया।