#MeToo मूवमेंट के बाद आरोपों के वबंडर में फंसे केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर आज अपनी विदेश यात्रा पूरी कर भारत लौट आए हैं। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे अपने ऊपर लगे आरोपों पर बाद में बयान जारी करेंगे। तकरीबन रोजाना हो रहे नये खुलासों से उनपर केन्द्रीय मंत्री की कुर्सी को छोड़ने का जबर्दस्त दबाव है। अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव को देखते केंद्र सरकार और भाजपा जल्द ही कोई फैसला ले सकती है। सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में भाजपा पहले केंद्रीय मंत्री से उनका पक्ष सुनना चाहती है। यह वजह है कि विदेश दौरे पर गए विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर को लेकर केंद्र सरकार अभी तक कुछ भी नहीं कह रही है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा पहले अकबर से उनका स्पष्टीकरण मांगेगी। इसके बाद यह फैसला किया जाएगा कि इस मामले में पार्टी और सरकार को आगे क्या कदम उठाने चाहिए।
#WATCH Delhi:Union Minister MJ Akbar returns to India amid accusations of sexual harassment against him, says, "there will be a statement later on." pic.twitter.com/ozI0ARBSz4
— ANI (@ANI) October 14, 2018
खास बात यह है कि विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने अभी तक खुदपर लग रहे आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने मामले में अब तक खामोशी अख्तियार कर रखी है वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और लगता नहीं कि मंत्री के तौर पर वह लंबे समय तक पद पर रह पाएंगे। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है। पार्टी के भीतर इस तरह की भी राय है कि चूंकि उनके खिलाफ कोई कानूनी मामला नहीं है और जो आरोप उनके खिलाफ लगे हैं, वो मंत्री बनने से बहुत पहले का है।
सोशल मीडिया पर मी टू अभियान के जोर पकड़ने के बीच पिछले कुछ दिनों में कई महिलाओं ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। भाजपा ने मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई रूख अपनाए बिना कुछ महिला मंत्रियों ने मी टू अभियान को अपना समर्थन दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि सबसे पहले अकबर को ही आरोपों पर जवाब देना है।
गौरतलब है कि भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर को पद से हटाने की मांग की थी। शिवसेना ने अकबर पर लगे आरोपों की गहराई से जांच की मांग भी की। शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कयांदे ने कहा कि जहां तक मुझे पता है, पांच से छह महिला पेशेवरों ने एम जे अकबर के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार होने की खुलकर बात की है। घटनाओं के ब्यौरे चिंताजनक और गंभीर हैं। इसलिए मैं उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग करती हूं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार बार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की बातें करते हैं। इसलिए अपनी छवि बनाए रखने के लिए मोदी को अकबर को उनके पद से हटा देना चाहिए। शिवसेना की विधान पार्षद ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की उचित जांच की जाए। अगर वह पाक-साफ साबित होते हैं तो उन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।