हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कई दिनों से जारी जलसंकट के चलते नगर निगम के तहत आने वाले स्कूलों को एक सप्ताह तक बंद रखने का फैसला किया गया है। आपको बता दे कि शिमला इन दिनों पानी की किल्लत से जूझ रही है। एक ओर पानी न मिलने से आक्रोशित लोग विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं, तो वहीं दूसरी ओर पानी की गंभीर समस्या को देखते हुए जिले के सभी सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया गया है। सभी सरकारी स्कूल चार से आठ जून तक बंद रहेंगे। ये फैसला हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को लिया गया। अब स्कूल दोबारा गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में होने वाले मानसून ब्रेक के दौरान खुलेंगे। वहीं, इस समस्या के चलते लोग सैलानियों को शिमला न आने को कह रहे हैं।
शिमला में पिछले 15 दिनों से पानी की कमी की स्थिति में शनिवार को आंशिक सुधार हुआ है। यहां पानी की आपूर्ति 2.25 करोड़ लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 2.80 करोड़ लीटर प्रति दिन कर दी गई है। लेकिन इसके बावजूद कई क्षेत्रों में अपर्याप्त जल आपूर्ति की वजह से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
पानी की आपूर्ति में कथित लापरवाही को संज्ञान में लेते हुए सिंचाई एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री महिंदर सिंह ने शिमला नगर निगम के एसडीओ के निलंबन के आदेश दिए हैं। सिंह ने कहा कि सरकार अधिकारियों की किसी भी ढील को बर्दाश्त नहीं करेगी और जो लापरवाह पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। सिंह ने कहा कि शहर के निवासी शिमला के मेयर, उप मेयर और नगरपालिका आयुक्त के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
इस बीच कासुमप्टी, माहली, जीवनु, पांथाघटी और कुछ अन्य कॉलोनियों में पानी की अपर्याप्त आपूर्ति के विरोध में लोगों ने सड़कों पर जाम लगाया। करीब दो दर्जन महिलाओं का एक समूह छोटा शिमला के जल नियंत्रण कक्ष में लाठी लेकर पहुंचा. उन्होंने वहां विरोध प्रदर्शन किया।
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