पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में आंतकवादी हमलों तथा पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्याओं का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार करतारपुर कॉरीडोर की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में पाकिस्तान के बुलावे को अस्वीकार कर दिया है तो वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने इसे स्वीकार किया है।
अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को एक पत्र लिख कर कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है लेकिन उन्होंने आ पाने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि न्योता स्वीकार नहीं करने के दो कारण हैं, ''पहला कारण यह है कि कोई भी ऐसा दिन नहीं है जब जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिक मारे नहीं जाते या घायल नहीं होते। स्थिति सामान्य करने की राह पर बढ़ने की बजाए ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।''
अमरिंदर सिंह ने इनकार का दूसरा कारण गिनाते हुए दावा किया कि पकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पंजाब में अपनी नापाक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने दावा किया, ''मार्च 2017 से राज्य में आईएसआई के 19 माड्यूल को निष्क्रिय किया गया, 81 आतंकवादियों को पकड़ा गया और 79 हथियार, पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में बने एचजी-84 टाइप के अनेक ग्रेनेड और कुछ आईईडी बरामद किए गए हैं।''
अमरिंदर सिंह ने कहा, ''मैं उम्मीद करता हूं कि (पाकिस्तान के) प्रधानमंत्री इन हालात को समझेंगे….मेरे लिए इस ऐतिहासिक अवसर पर पाकिस्तान में मौजूद रहना संभव नहीं है। जबकि तथ्य यह है कि गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में शीश झुकाना मेरा सपना रहा है और मैं उम्मीद करता हूं कि जब एक दिन हत्याएं और रंजिश समाप्त हो जाएंगी तो मेरा यह सपना भी पूरा हो जाएगा।''
नवजोत सिंह सिद्धू ने पाक के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरेशी के करतारपुर कॉरिडोर गलियारे के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के निमंत्रण का जवाब देते हुए लिखते हैं, "मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर आपसे मिलने के लिए तत्पर हूं। उपस्थित होने की अनुमति के लिए मेरा आवेदन अब एमईए के साथ दर्ज है"