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बुराड़ी केस : 11 मौतों के रहस्य से आज उठेगा पर्दा

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों की मौत का आज राज खुल जाएगा। इस मामले में आज पांच से छह शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी। इस बीच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लगातार परिवार के करीबी और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने रविवार को कुछ लोगो के लिखित बयान भी दर्ज किए है। अबतक 130 लोगो से पूछताछ की जा चुकी है।

पुलिस ने वारदात का ड्राफ्ट मैप भी तैयार किया है, जिससे सिलसिलेवार तरीके से घटनाक्रम को रीकन्स्ट्रक्ट किया जा सके। ललित के ससुराल वालों से पूछताछ करने क्राइम ब्रांच की एक टीम राजस्थान भी गई थी। टीना से संबंध रखने वाले एक महिला के लिखित बयान पुलिस ने दर्ज किए है। यह महिला 2009 तक दिल्ली में रहती थी. इस महिला ने पुलिस को बताया है कि उसे इस बात की जानकारी थी कि ललित अपने पिता से बात करता है। अब दिल्ली पुलिस महिला का बयान भी पुलिस जांच में अहम कड़ी साबित होगा।

11 लोगों की मौत पर कई सवाल उठ रहे थे कि परिवार वाले जब फांसी पर लटके तो वहां मौजूद उनका पालतु कुत्ता क्यों नहीं भौंका। हाउस फॉर एनिमल्स के संस्थापक संजय महापात्रा ने बताया है कि घटना से पहले करीब 24 घंटे तक इस कुत्ते को खाना नहीं दिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि परिवारवालों ने शायद कुत्ते को नींद की गोलियां दी थी।

बुराड़ी में खौफ का आलम

बुराड़ी में एक साथ 11 मौतें होने के बाद से इलाके के लोगों में खौफ पैदा हो गया है। यहां लोग गली से गुजरने में भी डर रहे हैं। भाटिया परिवार के बारे में लोगों का कहना है कि ये बेहद ही मिलनसार और अच्छा परिवार था। इस परिवार में रहने वाले बच्चे बगल के ही एक स्कूल में पढ़ते थे, लेकिन अब साथ पढ़ने वाले बच्चों के मन में भी खौफ बैठ गया है। इलाके में लोगों के अंदर डर का क्या आलम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गली के अंदर जाने से पहले डर के चलते लोग जमीन को माथे से लगाकर जा रहे हैं। दरअसल इतने बड़े हादसे के बाद लोगों के मन में खौफ के साथ-साथ अंधविश्वास ने भी घर कर लिया है।

साइकोलॉजिकल अटॉप्सी करवाने की तैयारी में पुलिस

इसी के चलते दिल्ली पुलिस इस केस में साइकोलॉजिकल अटॉप्सी यानी मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम करवाने की तैयारी कर रही है। भारत में इस तरह की वैज्ञानिक जांच बहुत कम मामलों में की गई है। साइकोलॉजिकल अटॉप्सी आत्महत्या के मामलों में किया जाता है। इस तरह की फारेंसिक जांच के पीछे जांचकर्ताओं का मकसद आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के दिमाग के अन्दर के तथ्यों का पता लगाना होता है।

गौरलतब है कि एक जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी इलाके के एक घर से एक साथ 11 शव बरामद किए गए थे। 11 शवों में सात महिलाओं के जबकि चार पुरुषों के थे। इनमें से कुछ शव फंदे से लटके मिले जबकि कुछ के शव जमीन पर पड़े हुए थे, जिनके हाथ और पैर बंधे हुए थे. कुछ की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी. मृतक परिवार भाटिया परिवार के नाम से जाना जाता था और बुराड़ी के संत नगर में अपने दोमंजिले घर में एक ग्रॉसरी की दुकान और प्लाइवुड की दुकान चलाता था।

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