मध्य प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ की नव निर्वाचित कांग्रेस सरकार ने भी शपथ लेने के कुछ घंटों के अंदर ही सोमवार को किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बेघल ने टीएन सिंह देव और ताम्रध्वज साहू के साथ यहां मंत्रालय में पहली कैबिनेट बैठक की।
बघेल ने यहां पत्रकारों को बताया कि 30 नवंबर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया। इससे 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 61 सौ करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायदा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों के कर्ज को माफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि अधिसूचित वाणिज्यक बैंकों के अल्पकालीन कृषि ऋण के परीक्षण के बाद कृषि कर्ज को माफ करने की कार्रवाई की जाएगी।
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उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि कर्ज माफी किसानों के आर्थिक तथा सामाजिक उन्नयन तथा सशक्तीकरण में मददगार होगी।
बघेल ने कहा कि गांधी के वायदे के मुताबिक, सरकार ने शपथ लेने के बाद धान की खरीदी दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी निर्णय किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि झीरम घाटी घटना की एसआईटी से जांच कराई जाएगी।
गौरतलब है कि 26 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल समेत कई की मौत हो गई थी।