पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ में अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया है, वहीं राजस्थान में सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े के करीब पहुंचती दिख रही है जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा के साथ उसका कांटे का मुकाबला चल रहा है। उधर, तेलंगाना में टीआरएस ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए सत्ता में दोबारा वापसी कर ली है, तो मिजोरम में एमएनएफ ने कांग्रेस से राज्य की सत्ता छीन ली है।
चौंकाने वाले नतीजे में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 15 साल से चल रहे रमन सिंह के शासन का अंत कर दिया है, वहीं राजस्थान में भी वह सत्ता में वापसी करने की राह पर है। राजस्थान में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लोकसभा की सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की थी।
रमन सिंह ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उन्होंने कहा कि वह भाजपा के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं। उन्होंने रायपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम (पार्टी) बैठेंगे और आत्ममंथन करेंगे।’’
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छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 89 सीटों के लिये उपलब्ध ताजा रुझानों के अनुसार कांग्रेस 64 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं भाजपा 18 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को सिंहासन का सेमीफाइनल कहा जा रहा था।
मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिये प्राप्त ताजा रुझानों के अनुसार कांग्रेस 113 सीटों पर आगे है जबकि भाजपा 109 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। वहां दोनों पार्टियों के बीच जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। मतगणना के रुझानों से पता चल रहा है कि कम से कम एक दर्जन सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियों के बीच फासला सिर्फ 500 मतों का है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों को 41.4 फीसदी मत मिले हैं। सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे तीन बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनकी सरकार के दर्जन भर मंत्री कांग्रेस उम्मीदवारों से पीछे चल रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि रुझान मध्य प्रदेश में बदलाव के लिये लोगों की इच्छा को दर्शाते हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाएगी।
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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जयपुर में कहा, ‘‘रुझान दर्शाते हैं कि कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत की ओर बढ़ रही है। हमें विश्वास है कि यह रुझान समूचे देश में जारी रहेगा।’’
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के पांच मंत्री-बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर शहर दक्षिण), केदार कश्यप (नारायणपुर), महेश गगदा (बीजापुर), दयालदास बघेल (नवागढ़) और अमर अग्रवाल (बिलासपुर) से पीछे चल रहे हैं।
राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) पांच सीटों पर आगे चल रही है जबकि भाकपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और माकपा एक-एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है।
राजस्थान में ताजा रुझानों के अनुसार कांग्रेस 100 के जादुई आंकड़े की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। पार्टी ने वहां 22 सीटों पर जीत हासिल कर ली है जबकि 78 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। ये नतीजे राज्य में 20 साल से एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस को राज्य की सत्ता सौंपने के पुराने रुझान को ही दोहराते दिख रहे हैं।
राज्य विधानसभा की जिन 199 सीटों पर मतदान हुआ उनमें भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल कर ली है, वहीं 58 सीटों पर पार्टी आगे चल रही है। प्रदेश की निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के पास 163 और कांग्रेस के पास 21 सीटें थीं। निर्दलीयों ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है जबकि नौ पर आगे चल रहे हैं।
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, लेकिन अलवर की रामगढ़ सीट से बसपा उम्मीदवार की मृत्यु की वजह से वहां चुनाव स्थगित हो गया।
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राज्य में कौन मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला करने के लिये कांग्रेस जयपुर में विधायक दल की बैठक करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सलाह-मशविरा करने के बाद पार्टी राज्य में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी घोषणा करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट इस पद के लिये प्रमुख दावेदार हैं।
तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) लगातार दूसरी बार अपनी सरकार बनाएगी। वहां पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है। टीआरएस ने 60 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 27 अन्य सीटों पर उसके उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। ये नतीजे मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की लोकप्रियता पर मुहर लगाते हैं।
राव ने खुद गजवेल सीट पर 51000 से अधिक मतों से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के वी प्रताप रेड्डी को करारी शिकस्त दी। राव के पुत्र के टी रामराव और उनके भतीजे हरीश राव भी जीत गए हैं। दोनों चंद्रशेखर राव की कार्यवाहक सरकार में मंत्री हैं।
कांग्रेस ने राज्य में 13 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि छह सीटों पर उसके उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। उसकी सहयोगी तेदेपा दो सीटों पर आगे चल रही है।
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कार्यवाहक मुख्यमंत्री राव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘टीआरएस विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को तेलंगाना की जनता को समर्पित करती है।’’
राव ने कहा कि तेलंगाना गैर कांग्रेसी, गैर भाजपाई राज्य साबित हुआ। उन्होंने साथ कहा कि टीआरएस राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
राव ने निर्धारित कार्यकाल से आठ महीने पहले ही सितंबर में विधानसभा को भंग करके जो राजनैतिक दांव चला था, उसका अच्छा नतीजा उन्हें देखने को मिला। राज्य की 119 सदस्यीय विधानसभा में पिछले चुनाव में टीआरएस को 63 सीटें मिली थीं। कांग्रेस और तेदेपा विधायकों के दलबदल करके टीआरएस में शामिल हो जाने से उसके विधायकों की संख्या पिछली विधानसभा में 82 हो गई थी।
मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने राज्य की 40 सीटों में से 26 सीटें जीतकर राज्य में साधारण बहुमत हासिल कर लिया है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर में एकमात्र राज्य जहां कांग्रेस सत्ता में थी, वह भी उसके हाथ से निकल गई। राज्य में कांग्रेस को पांच सीटें मिली हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार ललथनहवला सेरछिप और चंपई दक्षिण दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं।
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का जश्न पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय के बाहर एकत्र होकर आतिशबाजी करके मनाया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा शासित इन तीनों राज्यों में कांग्रेस को जीत की ओर ले जाने के लिये राहुल गांधी के नेतृत्व की सराहना की। वहीं, दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था।