राष्‍ट्रीय संग्रहालय खाली कराने को कांग्रेस नेता Shashi Tharoor ने बताया बर्बरता

राष्‍ट्रीय संग्रहालय खाली कराने को कांग्रेस नेता Shashi Tharoor ने बताया बर्बरता
Published on

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शनिवार को राष्ट्रीय संग्रहालय को खाली करने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बर्बरता है, शुद्ध और सरल है। एक्स पर एक पोस्ट में थरूर ने लिखा कि अत्यधिक वास्तुशिल्प महत्व की एक ऐतिहासिक इमारत को ध्वस्त कर दिया जाएगा और उसकी जगह कुकी-कटर सरकारी भवन बनाया जाएगा और इस बीच कम से कम दो साल तक कोई राष्ट्रीय संग्रहालय नहीं होगा। यह बर्बरता है , शुद्ध व सरल। थरूर ने अपने दावों के समर्थन में एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की।

थरूर ने अपने दावों के समर्थन में एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की

कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने भी कहा कि एक और शानदार इमारत जो पारंपरिकता के साथ आधुनिकता को जोड़ती है। इस साल के अंत तक गायब हो जाएगी। एक्स पर एक पोस्ट में रमेश ने कहा कि एक और राजसी इमारत जो पारंपरिक के साथ आधुनिकता को जोड़ती है। इस साल के अंत तक गायब हो जाएगी। जी.बी. देवलालीकर द्वारा डिजाइन किया गया और दिसंबर 1960 में उद्घाटन किया गया राष्ट्रीय संग्रहालय को ध्वस्त किया जा रहा है। संयोग से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य ब्लॉक को भी डिज़ाइन किया। जो उम्मीद है कि जीवित रहेगा।

राष्ट्रीय खजाना स्थानांतरण से बच जाएगा

उन्होंने कहा कि राष्ट्र न केवल एक राजसी संरचना खोता है, बल्कि अपने हालिया इतिहास का एक टुकड़ा भी खो देता है जो प्रधानमंत्री के व्यवस्थित उन्मूलन अभियान का लक्ष्य है। इसमें दो से अधिक अमूल्य प्रदर्शनियां हैं और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यह राष्ट्रीय खजाना स्थानांतरण से बच जाएगा। राज्यसभा सांसद ने कहा, राष्ट्रीय संग्रहालय का भी एक अद्भुत इतिहास है। इसके पहले निदेशक ग्रेस मॉर्ले, एक अमेरिकी संग्रहालयविज्ञानी थी जो पहली बार भारत आई थीं। वह 1966 तक निदेशक रहीं। दिल्‍ली में ही उन्‍होंने 1985 में आखिरी सांस ली। उन्होंने सभी का सम्मान अर्जित किया और उन्हें माताजी मॉर्ले कहा जाने लगा।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com