कांग्रेस ने आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयोग के सदस्य अशोक लवासा के आयोग की बैठकों में शामिल नहीं होने से जुड़ी खबरों को लेकर शनिवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस सरकार में संस्थाओं की गरिमा धूमिल हुई है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, "चुनाव आयोग है या चूक आयोग। लोकतंत्र के लिए एक और काला दिन। चुनाव आयोग के सदस्य ने बैठकों में शामिल होने से इनकार किया। जब चुनाव मोदी-शाह जोड़ी को क्लीनचिट देने में व्यस्त था तब लवासा ने कई मौकों पर असहमति जताई।"
उन्होंने दावा किया, "संस्थागत गरिमा धूमिल करना मोदी सरकार की विशेषता है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सार्वजनिक तौर पर बयान देते हैं, रिजर्व बैंक के गवर्नर इस्तीफा देते हैं, सीबीआई निदेशक को हटा दिया जाता है। सीवीसी खोखली रिपोर्ट देता है। अब चुनाव आयोग बंट रहा है।" सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग लवासा की असहमति को रिकॉर्ड करके शर्मिंदगी से बचेगा?
खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपना विरोध खुलकर जाहिर कर दिया है। उन्होंने हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।