CBI Vs CBI : रिटायर्ड जज की निगरानी में CVC दो सप्ताह में जांच पूरी करे : SC - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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CBI vs CBI : रिटायर्ड जज की निगरानी में CVC दो सप्ताह में जांच पूरी करे : SC

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देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई पर संग्राम जारी है। आज छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, सीवीसी को नोटिस दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 12 नवंबर तय की है। वर्मा ने एम. नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर बनाए जाने और छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वर्मा ने 24 अक्टूबर को याचिका दाखिल की थी। इस बीच छुट्टी पर भेजे गए स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने भी केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सीबीआई में अप्रत्याशित घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल हमलावर है। आज कांग्रेस ने देशभर में सीबीआई दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन का एलान किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

  • सीजेआई गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक की निगरानी में होगी जांच. साथ ही सीजेआई ने यह भी कहा कि सीवीसी दो हफ्ते में जांच पूरी करेगा.
  • चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें राकेश अस्थाना से फर्क नहीं पड़ता
  • सीबीआई की जंग पर अब दिवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी.
  • आलोक वर्मा की ओर से पैरवी कर रहे नरीमन ने कहा कि क्या सीबीआई चीफ के कार्यकाल को कम किया जा सकता है?
  • सीवीसी ने दिवाली के बाद सुनवाई की मांग की. सीवीसी के वकील ने कहा कि जांच के लिए 10 दिनों का समय कम है.
  • चीफ जस्टिस ने कहा कि सीबीआई अंतरिम चीफ कोई नीतिगत फैसला नहीं करेंगे. साथ ही केंद्र सीलबंद लिफाफे में सीवीसी जांच की रिपोर्ट देगा.
  • आलोक वर्मा की याचिाक पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि जज की निगरानी में सीवीसी की जांच 10 दिन के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।
  • आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. आलोक वर्मा ने केंद्र के छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दी है. आलोक वर्मा की तरफ से पैरवी कर रहे वकील नरीमन बहस कर रहे हैं।
  • सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने भी छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

  • कॉमन कॉज ने केंद्र, सीबीआई, सीवीसी, अस्थाना, आलोक वर्मा और एम नागेश्वर को पार्टी बनाया है. जबकि आलोक वर्मा ने केंद्र और सीवीसी को।
  • आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी हाई वोल्टेज सुनवाई।
  • दोनों पक्षों की ओर से बहस करेंगे कानून के दिग्गज. आलोक वर्मा की ओर से पेश होंगे वरिष्ठ वकील और प्रख्यात कानूनविद फली एस नरीमन. DoPT केंद्र की ओर से पेश होंगे AG के के वेणुगोपाल. वहीं, CVC की ओर से रहेंगे SG तुषार मेहता. इसके अलावा, राकेश अस्थाना का पक्ष रखेंगे पूर्व AG मुकुल रोहतगी।

क्या होगा सरकार का तर्क-

  • आलोक वर्मा हो हटाया नहीं गया है
  • सिर्फ छुट्टी भेजा गया है
  • सीबीआई की संस्थानिक अखंडता को बचाने के लिए ये कदम उठाया गया
  • CVC की देखरेख में दोनों पर लगे आरोपों की जांच हो रही है
  • संस्थानिक अखंडता किसी एक से ज्यादा अहम
  • CBI निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा नई दिल्ली स्थित CBI मुख्यालय पर किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन के मद्देनज़र मुख्यालय पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और बैरिकेडिंग भी कर दी गई है.


CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना शुक्रवार को दिल्ली में पूर्व अटॉर्नी जनरल तथा वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के आवास पर उनसे मिलने आए.

राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि वह लोधी लोड स्थित दयाल सिंह कॉलेज से 11 बजे प्रदर्शन की शुरुआत करेंगे.

CBI निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा नई दिल्ली स्थित CBI मुख्यालय पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस भी शिरकत करेगी.

  • सीनियर वकील फाली सैम नरीमन आलोक वर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में होंगे, तो वहीं केंद्र की ओर से केके वेनुगोपाल प्रतिनिधित्व करेंगे. वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सीवीसी यानी केंद्रीय सतर्कता आयोग की लिए उपस्थित रहेंगे।
  • केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक को छुट्टी पर भेजने के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ कांग्रेस शुक्रवार को दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय तथा राज्यों की राजधानियों में सीबीआई के कार्यालयों के सामने धरना- प्रदर्शन करेगी. राजधानी दिल्ली में इस प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी शामिल होने की संभावना है. कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पार्टी सीबीआई निदेशक वर्मा के खिलाफ आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पूरे प्रकरण पर देश से माफी मांगने की मांग करेगी।

क्या है पूरा  मामला :
CBI ने अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एक FIR दर्ज कराई है। इस FIR में अस्थाना पर मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई में नंबर दो की हैसियत रखने वाले। राकेश अस्थाना इस जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख हैं। कारोबारी सतीश सना का आरोप है कि सीबीआई जांच से बचने के लिए उन्होंने दिसंबर 2017 से अगले दस महीने तक क़रीब दो करोड़ रुपए रिश्वत ली।

कौन है सतीश बाबू सना:
दरअसल, सतीश बाबू सना हैदराबाद के उद्योगपति रहा है. वह पहले सरकार नौकरी में था, मगर बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर कई कंपनियों में काम किया. कारोबारी सतीश सना का आरोप है कि सीबीआई जांच से बचने के लिए उन्होंने दिसंबर 2017 से अगले दस महीने तक क़रीब दो करोड़ रुपए रिश्वत ली.

कौन है मोइन अख्तर कुरैशी :
मोइन अख्तर कुरैशी रामपुर स्थित भारतीय मांस निर्यातक है. उन्होंने 1993 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक छोटा सा वधशाला शुरू किया और भारत में सबसे बड़े मांस निर्यातकों में से एक बन गया. मोइन ने देहरादून के डून स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की. 1993 के बाद से कुरैशी ने कंस्ट्रक्शन और फैशन से लेकर हर तरह की 25 कंपनियां खोल रखी हैं. AMQ Agro इनका सबसे बड़ा ब्रांड है, जो कि मीट का है. 1995 से ही मोईन कुरैशी पॉण्टी चड्ढा का दोस्त रहा है. मोइन को 2014 में, सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के निवास पर मोइन कुरैशी को आगंतुकों की डायरी में नामित किया गया था.

कौन हैं देवेंद्र कुमार 
देवेंद्र कुमार सीबीआई में डीएसपी हैं. हालांकि, इन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है. देवेंद्रमोइन कुरैशी से जुड़े मामले में जांच अधिकारी थे. उन्हें सतीश सना का बयान दर्ज करने में फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई का आरोप है कि सना ने मामले में राहत पाने के लिए कथित तौर पर देवेंद्र को रिश्वत दी थी.

कौन हैं सीबीआई चीफ आलोक वर्मा 
आलोक वर्मा 1979 बैच के यूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. एक फरवरी, 2017 से सीबीआई के चीफ हैं. दिल्‍ली के सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज से डिग्री ली है. अपनी मौजूदा पोस्‍टिंग से पहले दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर थे. इससे पूर्व वे तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में काम कर चुके हैं. दरअसल, सीबीआई के इस तरकराक की वजह से इन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है.

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