‘अत्यंत गंभीर’ चक्रवातीय तूफान ‘फोनी’ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 81 टीमों को तैनात किया गया है। इन टीमों में चार हजार से अधिक विशिष्ट कर्मी शामिल हैं।
चक्रवात के ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को प्रभावित करने की संभावना है। चक्रवात के शुक्रवार को ओडिशा में पुरी के दक्षिणी हिस्से में दस्तक देने की संभावना है।
एनडीआरएफ के प्रमुख एस एन प्रधान ने बताया कि ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में लगभग 50 टीम पहले से ही तैनात है जबकि अन्य 31 टीमों को तैयार रखा गया है।
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एनडीआरएफ के महानिदेशक (डीजी) ने बताया कि ओडिशा में पुरी के आस-पास अत्याधुनिक साजो सामान से लैस 28 टीमों को तैनात किया गया है।
इसी तरह आंध्र प्रदेश में 12 टीमों और पश्चिम बंगाल में छह टीमों को तैनात किया गया है। बाकी टीमों, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 50 कर्मचारी शामिल हैं, उन्हें इन राज्यों में तैयार रखा गया है।
प्रधान ने कहा कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और पुरी में बचाव और राहत दल की गतिविधियों की निगरानी के लिए एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और एक कमांडेंट-रैंक के अधिकारी को भी काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि टीमें अतिरिक्त नौकाओं, सैटेलाइट फोन, चिकित्सा उपकरणों, दवाओं, पिकअप वाहनों और अन्य गैजेट्स से लैस हैं।
बल ने यहां अपने मुख्यालय में चौबीसों घंटे संचालित होने वाला एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया है और अधिकारियों की एक टीम भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और तीन राज्यों की आपदा प्रतिक्रिया इकाइयों के साथ लगातार संपर्क में है। तमिलनाडु और केरल में एनडीआरएफ टीमों को भी अलर्ट किया गया है।
एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चक्रवात ‘फोनी’ के तीन मई को पुरी के दक्षिणी भाग चांदबाली और गोपालपुर के बीच ओडिशा तट को पार करने की संभावना है। चक्रवाती तूफान और अन्य हालातों से निपटने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में एनडीआरएफ की टीमें स्थानीय लोगों में जागरूकता पैदा कर रही हैं। राज्य प्रशासन ने कई राहत शिविर भी स्थापित किये हैं।’’