जम्मू-कश्मीर में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। महबूबा मुफ्ती पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाने वाले शिया नेता और पूर्व मंत्री इमरान रजा अंसारी गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। इमरान रजा अंसारी को अब पीडीपी के पांच विधायकों को साथ मिल चुका है और सूत्रों के मुताबिक अभी कुछ और विधायक भी अंसारी के खेमे में जा सकते हैं।
वही ,पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बागी विधायकों ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी में विद्रोह से नयी दिल्ली का कोई लेना देना नहीं है, उन्होंने पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और भाई-भतीजावाद के खिलाफ आवाज उठायी है। बागी विधायकों ने कहा कि महबूबा मुफ्ती की इस टिप्पणी ने कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए नयी दिल्ली पीडीपी को तोड़ने की कोशिश कर रही है, उनके जीवन को खतरे में डाल दिया है। इसका मतलब है कि हमलोगों की केंद के साथ मिली-भगत है।
विधायकों ने कहा कि वे अब भी पीडीपी का हिस्सा हैं और जो लोग भाई-भतीजावाद को बढ़वा दे रहे हैं, उन्हें पार्टी से चले जाना चाहिए। विधायकों का यह स्पष्टीकरण महबूबा मुफ्ती की उस टिप्पणी के बाद आया जिसमें उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि कि अगर नयी दिल्ली ने राज्य में सरकार बनाने के लिए पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
राज्य के पूर्व मंत्री एवं पीडीपी विधायक इमरान रजा अंसारी ने पार्टी दो विधायकों और कई विधान परिषद सदस्यों के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘ महबूबा तथा भाई-भतीजावाद को बढ़वा देने के खिलाफ उनके आवाज उठाने से नयी दिल्ली का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने ( महबूबा मुफ्ती) अपने भाई को योजनाबद्ध तरीके से पहले पार्टी में और फिर राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया था। ‘
एक अन्य बागी विधायक जाविद हसन बैग ने कहा, ‘हमने कई मौके पर पार्टी में भाई-भतीजावाद और पक्षपात के मुद्दों को उठाया, लेकिन हर बार हमारी बातों को अनसुना कर दिया गया। वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में या सरकार में सक्रिय भूमिका नहीं दी गई। सिर्फ पार्टी अध्यक्ष ( महबूबा मुफ्ती से जुड़ अयोज्ञ लोगों को ही पार्टी और सरकार में जिम्मेदारी दी गई।