नागपुर: उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार को नागपुर से एक डीआरडीअो ( DRDO) इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ़्तार किया है। निशांत पर सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी भारत की अति महत्वपूर्ण ब्रह्मोस से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान और अमेरिका को दे रहा था। महाराष्ट्र में नागपुर स्थित वर्धा रोड पर बनी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीअो (DRDO) की इकाई ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में कार्यरत निशांत अग्रवाल को यूपी ATS तथा महाराष्ट्र ATS ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया है।
Nagpur: ATS team at the residence of Nishant Agarwal, who was nabbed by Uttar Pradesh Anti-Terror squad on charges of spying, he was working in Brahmos unit in Nagpur pic.twitter.com/zVNwFOaqXn
— ANI (@ANI) 8 October 2018
खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए पुलिस और अन्य एजेंसियों ने तड़के छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। सूत्र ने कहा कि उसपर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि गिरफ्तार शख्स के कंप्यूटर से बेहद संवेदनशील जानकारी हासिल हुई है। हमें उसके फेसबुक चैट से भी जानकारी मिली है कि वो पाकिस्तान आधारित आईडी से चैट किया करता था। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, वह कथित रूप से कुछ विशेष और गुप्त जानकारी पाकिस्तान और अन्य देशों को दे रहा था. मामले की जांच की जा रही है।
Very sensitive info was found on his personal computer. The name of the person is Nishant Agarwal. We also found evidence of him chatting on facebook with Pakistan based IDs: Aseem Arun,IG UP ATS on a person working at Brahmos Unit in Nagpur arrested on the charges of spying. pic.twitter.com/KS5ZYgOq8p
— ANI (@ANI) 8 October 2018
आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के एटीएस के एक संयुक्त अभियान में ब्राह्मोस के वर्धा रोड केंद्र से निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। निशांत के मकान मालिक मनोहर काले ने बताया कि यह इंजीनियर वर्धा रोड पर पिछले वर्ष से किराये के मकान में रह रहा था। काले ने बताया कि पुलिस टीम सुबह साढ़े पांच बजे इमारत में पहुंची और शाम पांच बजे तक वहां रही। उन्होंने बताया कि अग्रवाल रुड़की का रहने वाला था और दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘वह यहां पत्नी के साथ रह रहा था और उसने यहां आने पर मुझे अपने आधार कार्ड की प्रति और अपने नियोक्ता का एक प्रमाणपत्र दिया था।’ ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के ‘मिलिट्री इन्डस्ट्रीयल कंसोर्टियम’ (एनपीओ मशिनोस्त्रोयेनिया) के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया है। भारत और रूस के बीच 12 फरवरी, 1998 को हुए एक अंतर-सरकारी समझौते के माध्यम से यह कंपनी स्थापित की गई थी।