सोमवार देर रात चीन (China) के गांसु और पड़ोसी किंघई प्रांतों में 6.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद कम से कम 111 लोग मारे गए। इसके अलावा 200 लोगों के घायल होने की खबर है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने स्थिति को देखते हुए हताहतों की संख्या को कम करने के लिए हरसंभव बचाव प्रयास करने का आदेश दिया है।
भूकंप की तीव्रता इतनी तेज रही की कई इमारतें ढह गई। घटनास्थलों से ऐसे फुटेज सामने आएं है जिसमें बचावकर्मी मलबे से लोगों को बाहर निकाल रहे हैं। प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई भी बाधित हुई है। रेलवे प्राधिकरण ने भूकंप क्षेत्र से गुजरने वाली यात्री और मालवाहक ट्रेनों को भी निलंबित कर दिया है और रेलवे पटरियों की सुरक्षा जांच का आदेश दिया है।
बता दें कि भूकंप का केंद्र लिउगौ टाउनशिप साला स्वायत्त काउंटी की काउंटी सीट से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। किंघाई प्रांत तिब्बत हिमालय क्षेत्र से सटा हुआ है जहां महाद्वीपीय प्लेटों के खिसकने के कारण अक्सर भूकंप आने का खतरा रहता है।
चीन का सबसे घातक भूकंप 2008 में 7.9 तीव्रता का भूकंप था जिसमें सिचुआन में लगभग 90,000 लोग मारे गए थे। भूकंप ने चेंग्दू के बाहर के कस्बों, स्कूलों और ग्रामीण समुदायों को तबाह कर दिया था। इसके अलावा पिछले सितंबर में दक्षिण-पश्चिमीसिचुआन प्रंत में 6.6 तीव्रता का भूकंप आने से लगभग 60 लोग मारे गे थे। इससे प्रांतीय राजधानी चेंगदू में भूस्खलन हुआ था जहां 21 मिलियन निवासी COVID-19 लॉकडाउन के तहत घर में कैद थे।
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