नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए प्राइवेट क्षेत्र में बड़े पद पर नौकरी कर रहे पेशेवर लोगों को अधिकारी बनाने की तैयारी में है। प्राइवेट सेक्टर के टैलेंट को खुद से जोड़ने के लिए 10 ज्वाइंट सेक्रेटरी पद के लिए अधिसूचना जारी की है। जिसके जरिये प्राइवेट सेक्टर के योग्य उम्मीदवारों से नौकरी के लिए आवेदन स्वीकार किये जा रहे हैं। इन उम्मीदवारों की नियुक्ति लैटरल एंट्री के माध्यम से होगी। इससे निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में काम कर रहे लोग भी सिविल सर्विस परीक्षा दिये बिना नियुक्त किये जा सकेंगे। इस तरह का लैटरल प्रस्ताव सबसे पहले 2005 में लाया गया था। लेकिन तब इसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद 2010 में दूसरी प्रशासनिक सुधार में भी इसका जिक्र किया गया। लेकिन इस दिशा में पहल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद हुआ।
इन पदों पर वो आवेदन कर सकते हैं जिनकी उम्र 1 जुलाई तक 40 साल हो और उम्मीदवार किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हो। साथ ही उसके पास किसी सरकारी, पब्लिक सेक्टर यूनिट, यूनिवर्सिटी के अलावे किसी प्राइवेट कंपनी में 15 साल तक काम करने का अनुभव हो। इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों का कार्यकाल तीन साल का होगा। जिसे सरकार 5 साल तक बढ़ा सकती है। खास बात ये है कि इन पदों के लिए प्रोफेशनल उम्मीदवार ही अप्लाई कर सकते हैं। चयनित उम्मीदवारों को 1.44 लाख से 2.18 लाख रुपये का वेतन दिया जाएगा। इसके अलावे उन्हें भत्ते और कई सरकारी सुविधाएं भी मिलेंगी।
इस तरह की नियुक्ति वित्त सेवा, इकोनॉमिक अफेयर, कृषि, सड़क परिवहन, शिपिंग, पर्यावरण और वन, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य क्षेत्र शामिल हैं। पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा 10 विभागों में बतौर ज्वाइंट सेक्रेटरी 10 पदों के लैटरल एंट्री से जुड़ी अधिसूचना पर कहा कि इससे उपलब्ध श्रोतों में से बेहतर को चुनने का मौका मिलेगा। इस तरह से लैटरल एंट्री का मकसद सरकारी योजनाओं और पॉलिसी को लागू करने में क्या दिक्कत आती है, उनको योजनाओं को लागू करने से पहले ही इन एक्सपर्ट ज्वाइंट सेक्रेटरी के सुझावों के जरिये पहले ही दूर कर लिया जाएगा।
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