राज्यपाल ने स्वीकार की CM योगी की राजभर को बर्खास्त करने की मांग

राज्यपाल ने स्वीकार की CM योगी की राजभर को बर्खास्त करने की मांग

उन्होंने सामाजिक न्याय समिति का गठन किया और अपनी रिपोर्ट को एक कूड़ेदान में फेंक दिया, उसके पास इसे लागू करने के लिए अतिरिक्त समय नहीं था।
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उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सीएम योगी आदित्यनाथ के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है। सीएम योगी ने आज ही राज्यपाल से ओम प्रकाश राजभर को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद यह फैसला लिया गया।

राज्यपाल कार्यालय से जारी बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मंत्रिमण्डल के सदस्य ओम प्रकाश राजभर, मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास को तात्काल प्रभाव से प्रदेश मंत्रिमण्डल की सदस्यता से पदमुक्त कर दिया है। नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताव पर ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद से मुक्त करने के लिये अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है।

साथ ही उन्होंने राज्यमंत्री पद संभाल रहे राजभर की पार्टी के सदस्यों को भी तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की है। हालांकि उनके इस फैसले का राजभर ने स्वागत करते हुए कहा, सीएम ने बहुत अच्छा फैसला लिया है।  उन्होंने सामाजिक न्याय समिति का गठन किया और अपनी रिपोर्ट को एक कूड़ेदान में फेंक दिया, उसके पास इसे लागू करने के लिए अतिरिक्त समय नहीं था। मैंने उनसे सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध किया।

ओपी राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण-दिव्यांग जन कल्याण मंत्री थे। योगी ने राज्यपाल से सिफारिश कर उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। गौरतलब है की राजभर हमेशा से बीजेपी और योगी सरकार के खिलाफ विवादास्पद बयान देते रहे है। कई बार ओपी राजभर ने ऐसे बयान भी दिए हैं जो बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बने हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के हक में गए हैं

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