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वीडियो में अगवा पुलिसकर्मियों ने सुरक्षाबलों से कहा- आतंकियों के परिवारों को परेशान न करें

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श्रीनगर : दक्षिण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने तीन पुलिकर्मियों और पुलिसकर्मियों के आठ रिश्तेदारों को अगवा कर ‌लिया था ‌जिन्हे शुक्रवार की शाम को 24 घंटे बाद रिहा कर दिया। बताया जा रहा है कि घाटी में कुछ आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों को सुरक्षाबलों द्वारा गिरफ्तार किये जाने की वजह से ही आतंकियों ने पुलिसकर्मियों और उनके रिश्तेदारों को अगवा किया था।

आतंकियों ने पुलिसकर्मियों के परिवार को रिहा करने के साथ-साथ अगवा किये गये तीन पुलिस कर्मियों का वीडियो भी जारी किया है। इन वीडियो में ये तीन पुलिसकर्मी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस यानी डीजीपी से आतंकियों के परिवार को परेशान न करने के लिए कहते दिख रहे हैं। तीनों वीडियो में अगवा किये गये जम्मू-कश्मीर पुलिस और विशेष पुलिस अधिकारियों ने डीजीपी एसपी वैद से कहा कि नागरिकों या सुरक्षा कर्मियों को आतंकवादियों के घरों को नष्ट न करने दें। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि अगवा किया गया एक कॉन्स्टेबल डीजीपी वैद से यह गुहार लहा रहा है कि या तो आप हमें सुरक्षा दें या फिर हमें ऐसा कुछ भी करने के लिए मत कहें, क्योंकि इससे हमारा परिवार खतरे में पड़ जाता है।’

एक अन्य वीडियो में दूसरा पुलवामा का एक पुलिसकर्मी यह कहता दिखाई दे रहा है कि वह अब आगे काम नहीं करना चाहता है। गौरतलब है कि आतंकियों ने गुरुवार की रात कम से कम आठ ऐसे लोगों को अगवा कर लिया था जिनके परिजन जम्मू कश्मीर पुलिस में काम करते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक वरिष्ठ स्तर के अधिकारी ने बताया, ”यह एक आदर्श बदलाव है. हमें देखना होगा कि जमीन पर सुरक्षाकर्मी इस पर किस तरह और कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।” उनके अनुसार, घाटी में एक्शन अथवा कार्रवाई के नियम बदल दिए गए हैं और अगर उन सभी अगवा किये गये पुलिसकर्मियों और उनके रिश्तेदारों को सही सलामत रिहा नहीं किया जाता, तो स्थिति और खराब हो सकती थी।

इसके अलावा, जमीनी स्तर पर पुलिस अधिकारियों का दावा है कि चूंकि कश्मीर में ज्यादातर ऑपरेशन स्थानीय पुलिस द्वारा एकत्रित खुफिया जानकारी पर हो रहे हैं, यही कारण है कि आतंकवादी उन्हें टारगेट कर रहे हैं।वहीं, एक बयान में आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा ने पुलिस को चेतावनी दी है कि ”वर्तमान स्थिति की जिम्मेदारी पुलिस और सीआईडी के कंधों पर है।”

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आतंकियों के इस कृत्य को लेकर एक विवादित ट्वीट भी किया था। उन्होंने कहा था, ‘आतंकवादी और सुरक्षाबल दोनों ही एक दूसरे के परिजनों को प्रताड़ित कर रहे हैं। यह निंदनीय है और हमारी स्थिति में गिरावट का नया स्तर है। ऐसे मामलों में परिजनों को कतई निशाना नहीं बनाना चाहिए।’

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