लोकसभा के आज समाप्त हुये शीतकालीन सत्र में सदन की कुल 17 बैठकें हुईं जिनमें तीन तलाक, सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को आरक्षण, आधार और कंपनी संशोधन से संबद्ध विधेयकों तथा नागरिकता संशोधन विधेयक समेत कुल 12 विधेयक पारित हुये और चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरी अनुपूरक अनुदान माँगों तथा उनसे जुड़ विनियोग विधेयकों को मंजूरी दी गयी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज रात संविधान के 124वें संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद सदस्यों को संबोधित करते हुए सत्र में हुए कामकाज का विवरण रखा और उसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर 2018 को शुरू हुये सत्र में कुल 46 घंटे से अधिक समय तक कामकाज हुआ। सत्र के अंतिम दिन को छोड़कर शेष सभी दिन विभिन्न मुद्दों पर सदन में विपक्षी दलों ने जमकर हँगामा भी किया। कांगेस ने राफेल का मुद्दा पूरे जोर-शोर से उठाया और इस पर सदन में विस्तृत चर्चा भी हुई। यह सत्र सदन की कार्यवाही में बाधा डालने वाले 50 सदस्यों के निलंबन के लिए भी याद किया जायेगा। प्राकृतिक आपदा के मुद्दे पर भी नियम 193 के तहत अल्पकालिक चर्चा हुई।
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सदन ने अंतिम दिन रात 10 बजे के बाद तक निर्बाध बैठकर चार महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी दी। इसमें श्रम संगठन (संशोधन) विधेयक, डीएनए प्रौद्योगिकी नियमन विधेयक, नागरिकता (संशोधन) विधेयक और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 प्रतिशत तक आरक्षण वाला 124वाँ संविधान संशोधन विधेयक शामिल है। इनके अलावा सदन ने उभयलिंगियों, सरोगेसी, उपभोक्ता संरक्षण, ऑटिज्म न्यास, तीन तलाक, आधार, कंपनी संशोधन और दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद के निर्माण से जुड़ विधेयकों को भी मंजूरी दी।
चालू वित्त वर्ष के लिए 85 हजार 948.86 करोड़ रुपये की दूसरी अनुपूरक अनुदान माँगों और उनसे जुड़ विनियोग विधेयकों को भी मंजूरी दी। सत्र में लोक महत्व के 81 मामले उठाये गये और मंत्रियों द्वारा 52 वक्तव्य दिये गये।
लगभग पूरे सत्र के दौरान अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर कर्नाटक में बाँध निर्माण के विरोध में और तेलुगुदेशम् पार्टी (तेदेपा) के सदस्य आँध, प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और राज्य में अलग रेलवे जोन तथा इस्पात कारखाना बनाने की माँग को लेकर हँगामा करते रहे। वे नियमित रूप से सदन के बीचों-बीच आकर नारेबाजी करते रहे।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 02 जनवरी को अन्नाद्रमुक के 25 सदस्यों को सदन की कार्यवाही से सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। उन्होंने 03 जनवरी को तेदेपा के 14 और अन्नाद्रमुक के सात सदस्यों को शेष अवधि के लिए निलंबित किया। इसके अलावा 07 जनवरी को तेदेपा के एक और अन्नाद्रमुक के तीन सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया। इस प्रकार कुल 50 सदस्यों को निलंबित किया गया।