इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत सरकार द्वारा दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच न्यूयार्क में प्रस्तावित बैठक रद्द करने पर नाराजगी जाहिर की है। इमरान आज ट्वीट किया कि भारत ने जिस तरह का अहंकारी और नकारात्मक जवाब बातचीत की पेशकश पर दिया उससे मैं दुखी हूं। उन्होंने नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना कहा- मैं पूरी जिंदगी छोटे लोगों से मिला हूं, जो ऊंचे पदों पर बैठे हैं, लेकिन इनके पास दूरदर्शी सोच नहीं होती है। इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सुषमा स्वराज के साथ न्यूयार्क में प्रस्तावित मुलाकात रद्द करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
Disappointed at the arrogant & negative response by India to my call for resumption of the peace dialogue. However, all my life I have come across small men occupying big offices who do not have the vision to see the larger picture.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 22, 2018
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत आंतरिक दबाव के कारण दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाने को मजबूर हुआ। भारत ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में 3 पुलिसकर्मियों और बीएसएफ के एक जवान की बर्बर हत्या और पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी बुरहान वानी समेत 20 आतंकियों के महिमामंडन करने वाले डाक टिकट जारी किए जाने को लेकर नाराजगी जताते हुए सुषमा और कुरैशी के बीच प्रस्तावित मुलाकात रद्द कर दी थी। भारत ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की नीयत और असली चेहरा कार्यकाल शुरू होते ही सामने आ गए हैं। विदेश मंत्री स्तर की यह मुलाकात इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के इतर होने वाली थी।
कुरैशी ने विदेश मंत्री स्तर की इस बातचीत रद्द होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रस्तावित बैठक रद्द होने से तिलमिलाए पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। भारतीयों ने एक बार फिर शांति का एक अवसर बेकार कर दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए बैठकर बात करना महत्वपूर्ण होता है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘ऐसा लगता है कि भारत ने अगले वर्ष प्रस्तावित अपने चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है। भारत की जिद्द दक्षेस देशों के भविष्य को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर रही है।