पड़ोसी देश पाकिस्तान में जबसे किक्रेटर से राजनीतिज्ञ बने प्रधानमंत्री इमरान खान ने बागडोर संभाली है , तभी से पाकिस्तान के रूख में अमेरीका के प्रति सख्त रव्वैया अपनाए हुए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने जब इमरान खान को प्रधानमंत्री बनने की बधाई दी, तो आतंकवाद के मसले पर बातचीत को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद हो गया। इस बीच अब जबकि माइक पोम्पिओ खुद पाकिस्तान की यात्रा पर जाने वाले हैं, तो इमरान खान ने एक और सख्त बयान दिया है।
पोम्पिओ के दौरे पर इमरान खान ने कहा है कि उनकी सरकार ट्रंप प्रशासन की एकतरफा मांगों को नहीं मानेगी। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास में पत्रकारों के एक समूह से बात करते हुए खान ने पारस्परिक सम्मान के आधार पर अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की उनकी प्रशासन की नीति को दोहराया।
पोम्पिओ पांच सितंबर को इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं और उनके दौरे से पहले इमरान खान का ये बयान उनके इरादों को साफ करता है। इमरान के ये तेवर उस हालत में दिखाई पड़ रहे हैं, जब अमेरिका आतंकवाद के नाम पर बड़े पैमाने पर उसकी फंडिंग पर बैन लगा चुका है। खासकर, डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक मदद में भारी कमी की गई है। ऐसे में पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान के नए मुखिया का अमेरिका के प्रति ये रुख उसे और मुश्किल में डाल सकता है।
हालांकि, इसके पीछे चीन को भी वजह माना जा रहा है. क्योंकि चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान काफी काम कर रहा है और इमरान खान भी अपने बयानों में अक्सर चीन की अर्थव्यवस्था और उससे सीखने की बात कहते रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ भारत-अमेरिका की बढ़ती घनिष्ठता के चलते भी पाकिस्तान चीन के पाले में रहने के प्रयास कर रहा है।