पंजाब में सरकारी कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों के लिए डोप टेस्ट की अनिवार्यता का आदेश जारी होने के बाद इस पर सियासी धमासान तेज हो गया है। एक ओर जहां विपक्षी अकाली दल ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष की मांग पर सीएम अमरिंदर सिंह ने भी यह कहा है कि वह खुद भी सरकारी कर्मचारियों की तरह अपना डोप टेस्ट कराने को तैयार हैं। विपक्ष समेत कर्मचारी यूनियन की मांग है कि अगर कर्मचारियों का टेस्ट हो रहा है तो सभी मंत्री और नेताओं को भी ऐसा ही कराना चाहिए।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा है कि वह डोप टेस्ट करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अन्य चुने हुए विधायकों का फैसला वे खुद करें। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने कहा कि जो भी नेता 70 फीसदी पंजाबियों को नशेड़ी कहते थे, उनका सबसे पहले डोप टेस्ट होना चाहिए।
बता दें, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ना सिर्फ नई भर्तियों के दौरान बल्कि हर साल होने वाले प्रमोशन और एनुअल रिपोर्ट तैयार किए जाने के दौरान भी कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाने के लिए नियम बनाने और नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि सीएम के इस ऐलान के साथ ही पंजाब की राजनीति में डोप टेस्ट करवाने की होड़ मच गई. सबसे पहले आम आदमी पार्टी के पंजाब स्टेट को-प्रेसिडेंट और विधायक अमन अरोड़ा मोहाली के सिविल हॉस्पिटल पहुंचे और डोप टेस्ट के लिए अपना सैंपल दिया।
सैंपल देने के बाद अमन अरोड़ा ने मांग की कि सरकार से जुड़े लोगों को एक मिसाल कायम करते हुए सीनियर लेवल के विधायकों और मंत्रियों को सबसे पहले अपना डोप टेस्ट करवाना चाहिए।
अमन अरोड़ा ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी डोप टेस्ट करवाने की मांग की। उन्होंने कहा, ना सिर्फ तमाम राजनीतिक लोग डोप टेस्ट करवाएं बल्कि ये प्रण भी करें कि वो ड्रग्स की सप्लाई के मामलों में पकड़े जा रहे किसी भी व्यक्ति को छुड़वाने के लिए पुलिस थानों में सिफारिश नहीं करेंगे।