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Karnataka Female Feticide Cases : कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित कानून को और मजबूत करेगी कि कन्या भ्रूण हत्या में शामिल चिकित्सकों और झोलाछाप चिकित्सकों को आसानी से जमानत नहीं मिले।
राव ने कहा कि उनका विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग के साथ चर्चा करेगा कि ऐसे मामलों को 'गर्भधारण पूर्व और प्रसव(Karnataka Female Feticide Cases) पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994' के तहत दर्ज किया जाए।मंत्री ने विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सी टी रवि के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, ''भ्रूण हत्या के आरोपियों को जमानत मिल जाती है। हम उनके साथ कानूनी लड़ाई में असफल रहे हैं। हम आने वाले दिनों में खामियों को दूर करने के लिए उनका आकलन कर रहे हैं।
रवि ने पूछा कि सरकार पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ मामले दर्ज क्यों नहीं कर रही है, जो एक सख्त कानून है।इस पर राव ने कहा कि उनका विभाग कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए गंभीर है और केवल एक वर्ष में 23 मामले दर्ज किए गए।उन्होंने कहा, ''पिछले 21 वर्ष में 100 से कम मामले दर्ज किए गए लेकिन महज एक साल में 23 मामले दर्ज किए गए जो हमारी गंभीरता को दिखाता है।