जम्मू कश्मीर में भाजपा के एक नेता ने मंगलवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला 1953 में देश विरोधी बयान की वजह से जेल गये थे और उसी तरह के देश विरोधी बयान देने वालों पर राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए।
हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आये और दो बार प्रदेश के मंत्री रहे शाम लाल शर्मा ने कांग्रेस पर भारत विरोधी ताकतों को समर्थन देने की आदत होने का आरोप लगाया और कहा कि उग्रवाद प्रभावित कश्मीर में अफस्पा पर विचार करने का कांग्रेस का वादा केवल आतंकवाद को बढ़ाएगा।
शर्मा ने पुंछ में एक रैली में कहा, ‘‘हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि जब तब राष्ट्र विरोधी बयान देने वाले नेताओं पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ताकि वे इस तरह के बयान देने से बचें।’’
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उन्होंने नेशनल कान्फ्रेंस के नेताओं फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला का नाम तो नहीं लिया, लेकिन परोक्ष रूप से इन नेताओं को याद दिलाते हुए कहा कि 1953 में शेख अब्दुल्ला ने इसी तरह के राष्ट्रविरोधी बयान दिये थे जिसके लिए वह एक दशक तक जेल में रहे थे।
शर्मा ने कहा, ‘‘जब उन्हें लगा कि देश के खिलाफ जंग छेड़ने से कोई नतीजा नहीं निकलेगा तो वह मुख्यधारा में शामिल हो गये और उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री भी बनाया गया और उन्होंने भारत के संविधान के तहत शपथ ली।’’
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर भी ऐतराज जताया कि अगर अनुच्छेद 370 को हटाया जाता है तो कश्मीर भारत से आजाद हो जाएगा। शर्मा ने कहा कि नेताओं के ऐसे बयान देश की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं और राजद्रोह के समान हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में सभी लोग इस तरह के नेताओं जैसे राष्ट्र विरोधी नहीं हैं। शर्मा ने आरोप लगाया कि ये लोग जब सत्ता में होते हैं तो राष्ट्रवाद की बहुत बात करते हैं, लेकिन जब सत्ता से बाहर होते हैं तो हताशा में इस तरह के बयान देते हैं।