पूर्वी दिल्ली नगर निगम के हड़ताली सफाईकर्मियों ने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के पास प्रदर्शन किया। इसके बाद आप सरकार ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘गंदी राजनीति’’ कर रही है।
नकदी के संकट का सामना कर रहे नगर निगम के सफाईकर्मी 12 सितंबर से हड़ताल पर हैं। वे नियमित रूप से वेतन भुगतान और कर्मियों को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं। निकाय में भाजपा का शासन है। केजरीवाल ने ट्वीट किया कि ‘सफाईकर्मी मेरे निवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा ने उन्हें गुमराह किया है। मैं उनसे बात करने जा रहा हूं और उनके सामने तथ्यों को पेश करूंगा। मैं वास्तव में शहर में सफाई व्यवस्था तथा कर्मचारियों के बारे में चिंतित हूं। उन्हें अपने वेतन के लिए हर दो महीने में प्रदर्शन करना होता है।’’
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केजरीवाल ने सफाई कर्मियों के कुछ संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगमों को जारी की गयी राशि के संबंध में तथ्य पेश किए।
दिल्ली सरकार के एक बयान के अनुसार 2014-15 में जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन था, पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 396 करोड़ रूपए दिए गए थे जिनमें से 45 करोड़ रूपए ऋण की वसूली के तौर पर काट लिए गए थे।
बयान के अनुसार 2017-18 में दिल्ली सरकार ने निकाय को 724 करोड़ रूपए दिए और लंबित ऋण पर कोई ब्याज नहीं काटा गया। इसमें कहा गया है कि यह किस प्रकार संभव है कि 2014-15 में दिल्ली सरकार से मिली आधी राशि से जब वेतन का भुगतान कर दिया गया, अब वही निकाय कह रहा है कि वह वेतन का भुगतान करने में असमर्थ है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) में करीब 16,000 कर्मचारी हैं जिनमें से आधे स्थायी कर्मचारी हैं। 26 सितंबर को भाजपा नीत ईडीएमसी ने ठेके पर 31 मार्च 1998 के बाद भर्ती किए गए कर्मचारियों को स्थायी बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया था।
एमसीडी स्वच्छता कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय गहलोत ने हालांकि कहा था कि इस प्रस्ताव के बारे में अधिकारियों द्वारा जरूरी पक्ष तक कोई आश्वासन नहीं मिला है। इसलिए वे पूर्वी दिल्ली में अपना आंदोलन जारी रखेंगे।