केरल में आई सदी की सबसे भयानक बाढ़ को केंद्र सरकार ने गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है। वहीं, आफत की बारिश थमने के बाद केरल को थोड़ी राहत भले ही मिली है, लेकिन अब बेघर लोगों के पुनर्वास और पानी उतरने के बाद बीमारियों को फैलने से रोकने की चुनौती खड़ी हो गई। दूसरी ओर राज्य के सामने बेघर हुए लाखों लोगों का पुनर्वास और जलजनित बीमारियों को रोकने का काम एक बड़ी चुनौती बन गई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में आठ अगस्त के बाद से मानसून के दूसरे चरण में भारी बारिश और बाढ़ के चलते मृतकों की संख्या बढ़कर 223 पर पहुंच गई है। केरल के कई इलाकों में बाढ़ के कारण प्रभावित हुई रेल सेवा दोबारा शुरू हो गई है। इस बीच केरल सरकार ने मंगलवार शाम चार बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन की प्रबलता को देखते हुए यह सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए गंभीर प्रकृति की एक आपदा है।’इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित ना करने से राज्य को केंद्र से अधिक वित्तीय और अन्य सहायता नहीं मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बताया कि आठ अगस्त से लेकर अब तक 223 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। उन्होंने तिरुवंतपुरम में कहा, ‘‘10.78 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए जिनमें से 2.12 लाख महिलाएं तथा 12 साल की आयु के नीचे के एक लाख बच्चे शामिल हैं। ये 3,200 राहत शिविरों में रह रहे हैं. बारिश धीमी पड़ने पर विभिन्न स्थानों से 602 लोग बचाए गए।’’
विजयन ने कहा कि विभिन्न वर्गों से बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भी यही मांग है लेकिन केंद्र ने ऐसी घोषणा करने में कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला दिया है. अब हमें कुल नुकसान का आकलन करने और केंद्र से इसके बराबर मदद मांगने की जरुरत है।’
उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिक आकलन के अनुसार, राज्य को अभी तक करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार ने अभी तक राज्य को हरसंभव मदद दी है। केरल को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से 210 करोड़ रुपये मिले हैं और 160 करोड़ रुपये का वादा किया गया है।’’
सम्मानित होंगे मछुआरे
मुख्यमंत्री विजयन ने बताया कि सरकार 29 अगस्त को उन मछुआरों को सम्मानित करेगी जिन्होंने बचाव अभियान में भाग लिया। स्थिति का जायजा लेने के लिए यहां सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। विजयन ने कहा कि कई स्थानों पर जल स्तर कम होने के साथ ही लोगों ने अपने घर लौटना और सफाई अभियान शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने भी उन्हें सफाई की किट बांटने का फैसला किया है।
सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमों का बचाव अभियान जारी है. सोनी ने कहा कि राहत अभियानों में 1,500 सैन्यकर्मी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मकानों का मलबा हटाने की कोशिशें चल रही है ताकि उन्हें रहने लायक बनाया जा सकें?
विजयन ने कहा कि केरल अत्यधिक शक्ति के साथ ‘‘विनाशकारी’’ बाढ़ से उबरने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहा है। सोशल मीडिया पर सरकार के राहत प्रयासों की निंदा करने वाले कुछ संदेशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी फेसबुक पोस्ट में किसी ने हमें नीचा दिखाने की कोशिश की तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री बंदरगाह पर पहुंचनी शुरू हो गई है जिससे कि भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिल सके।
महाराष्ट्र से करीब 100 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों की एक टीम केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए रवाना हुई। इस बीच, भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान ने जिस पैमाने पर ‘‘ऑपरेशन मदद’’ शुरू किया था अब बारिश धीमी पड़ने के बाद उसे कम करना शुरू कर दिया है।