प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल में एथेनॉल का उत्पादन तीन गुना करने का लक्ष्य तय किया है और कहा है कि पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण से जहां किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकेगी, बल्कि सरकार के तेल आयात बिल में भी 12,000 करोड़ रुपये की कमी लाई जा सकेगी।
मोदी ने शुक्रवार को विश्व जैवईंधन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर जैवईंधन की 12 रिफाइनरी स्थापित करने की योजना बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करेगी और इसे बढाकर 2030 तक 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
मोदी ने कहा कि इसमें से प्रत्येक रिफाइनरी 1,000-1,500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैव ईंधन से कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भरता को कम किया जा सकता है।
“जैव ईंधन स्वच्छ पर्यावरण में योगदान देता है, किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का माध्यम बनता है और साथ ही ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।” पीएम मोदी ने कहा कि गन्ने और फसल अवशेष से ईंधन का उत्पादन न केवल किसानों को अतिरिक्त आमदनी उपलब्ध कराता है, बल्कि पराली के सुरक्षित तरीके से निपटान से पर्यावरण को भी बेहतर करने में मदद मिलती है।
दुनिया की तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता भारत अपनी जरूरत का 81 प्रतिशत आयात करता है। कुछ ईंधन को जैव ईंधन से बदलने से भारत की आयात पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा। गन्ने से चीनी बनाने की प्रक्रिया में एथेनॉल उप उत्पाद के रूप में निकलता है।
PM मोदी ने किसानों तक सौर ऊर्जा पहुंचाने के दिए निर्देश
भारत में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पहले कार्यकाल में 2002 में शुरू हुआ था। लेकिन कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में यह कार्यक्रम लगभग बंद हो गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इस जैवईंधन का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है और यह चार साल में तीन गुना बढ़ कर 450 करोड़ लीटर के स्तर पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, “एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम वाजपेयी सरकार के समय शुरू किया गया था। लेकिन पिछली सरकारों ने एथेनॉल कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया। अब हम अगले चार साल में 450 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन करेंगे जो इस समय 141 करोड़ लीटर है। इससे आयात में 12,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।”
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों की वजह से पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर था, जो 2017-18 में 141 करोड़ लीटर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इसे तेल आयात बिल पर 4,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य चार साल में पेट्रोल में मिलाने के लिए एथेनॉल उत्पादन 450 करोड़ लीटर पर पहुंचाने का है।
उन्होंने कहा कि हमने 2022 तक पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 10 प्रतिशत और 2030 तक 20 प्रतिशत करने का है। अभी पेट्रोल में 3.8 प्रतिशत एथेनॉल मिला होता है। मोदी ने कहा कि जो जैव रिफाइनरियां स्थापित की जा रही हैं उससे पूरी मूल्य श्रृंखला में डेढ़ लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर परियोजनाओं को पर्यावरण विभाग की मंजूरी के काम में तेजी लाने के लिए तैयार किए गए वेब पोर्टल ‘‘परिवेश’’ का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति का अनावरण भी किया।
भारत नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन के साथ-साथ जैवईंधन के उत्पादन पर भी बल दे रहा है ताकि कच्चे तेल के आयात पर होने वाले मोटे खर्च को कम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि देश में 175 गैस-सीएनजी संयंत्र लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग सड़कों पर जल्दी ही इस ईंधन से चलने वाले वाहन दौड़ते देखेंगे। इस अवसर पर उन्होंने देश में किसानों की आय बढ़ाने की अपनी सरकार की पहलों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का 1.5 गुना तय किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने इस साल जून में जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि इसके तहत कृषि और नगर निगम के कचरे और फसल अवशेष के मिश्रण से पेट्रोल डीजल का उत्पादन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गाय के गोबर से उत्पादित जैव सीएनजी का इस्तेमाल परिवहन वाहनों में ईंधन के रूप में किया जा सकता है, जिससे पेट्रोल और डीजल की खपत कम की जा सकती है।
पर्यावरणनुकूल ईंधन के लिए सरकार के कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि री साइकिल प्लास्टिक का इस्तेमाल सड़क निर्माण में हो रहा है जबकि सौर पैनलों से ऊर्जा उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे और बंदरगाहों पर एलईडी बल्ब परपंरागत लाइटिंग का स्थान ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में गरीब महिलाओं को पांच करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। इससे उनकी रसोई से धुआं गायब हुआ है, जिससे उनका स्वास्थ्य सुधरा और पर्यावरण भी बेहतर हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने गर्मियो के सीजन की 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर लागत से 50 प्रतिशत अधिक का मूल्य देने का वादा पूरा किया है।