अटल बिहारी वाजपेयी को पिता तुल्य बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। टेलीविजन पर प्रसारित एक संक्षिप्त संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि वाजपेयी ने अपने नेतृत्व और संघर्ष से जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी को मजबूती प्रदान की।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वाजपेयी इन पार्टियों को देश के हर हिस्से तक ले गए और भाजपा की नीतियां तथा सिद्धांत का विस्तार लोगों तक किया। उन्होंने कहा कि वाजपेयी का निधन पिता तुल्य संरक्षक का साया सिर से उठने जैसा है। नरेंद्र मोदी ने कहा, “अटल जी ने मुझे संगठन और शासन के महत्व के बारे में समझाया।”
हमने अटल रत्न खो दिया : नरेंद्र मोदी
उन्होंने कहा कि वह जब कभी वाजपेयी से मिलते थे तो वह आत्मीयता के साथ गले लगाते। उन्होंने कहा कि हमने अपनी प्रेरणा खो दी है। हमने अटल रत्न खो दिया है। अटल जी का व्यक्तित्व और उनके जाने का दुख दोनों शब्दों के दायरे से परे हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी वाजपेयी के निवास 6 ए, कृष्ण मेनन मार्ग गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
क्यों अटल बिहारी वाजपेयी थे भारत के सबसे महान प्रधानमंत्री, जानिए उनकी कुछ उपलब्धिया
इसके पहले वाजपेयी के निधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि उन्होंने जीवन का प्रत्येक पल राष्ट्र को समर्पित कर दिया था और उनका जाना, एक युग का अंत है। नरेंद्र मोदी ने कहा, “अटल जी का जाना मेरे लिये व्यक्तिगत और अपूरणीय क्षति है। मेरे पास उनसे जुड़ी असंख्य स्मृतियां हैं । मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिये वे प्रेरणस्रोत रहेंगे । मैं उनकी तीक्ष्ण बुद्धिमता और अभूतपूर्व वाकपटुता को खासतौर पर याद कर रहा हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के अभूतपूर्व नेतृत्व के कारण ही 21वीं सदी में मजबूत, समृद्ध और समावेशी भारत की नींव स्थापित हुई । विभिन्न क्षेत्रों में उनकी भविष्योन्मुखी नीतियों ने प्रत्येक भारतीय नागरिक के जीवन को छुआ।
वाजपेयी ने मौत की आंखों में झांककर लिखी थी कविताएं…
नरेंद्र मोदी बोले – अटलजी की तपस्या और संघर्ष के कारण ही BJP का तिनका-तिनका जोड़कर हुआ निर्माण
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटलजी की तपस्या और संघर्ष के कारण ही भाजपा का तिनका तिनका जोड़कर निर्माण हुआ। उन्होंने सम्पूर्ण भारत का दौरा किया और भाजपा के संदेश का प्रचार प्रसार किया जिसके कारण भाजपा राष्ट्रीय राजनीति और कई राज्यों में एक मजबूत ताकत बन सकी। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का लम्बी बीमारी के बाद गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया।