चार हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपों में फंसे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी कांग्रेस में शामिल हो गए। उनकी जय समानता पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है। उनकी पत्नी गीता कोड़ा पहले ही शामिल हो चुकीं हैं। इस मौके पर मधु कोड़ा ने बीजेपी को जमकर खरी-खोटी सुनाई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने मधु कोड़ा को पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुख्यालय चाईबासा में पार्टी की सदस्यता दिलाई। कांग्रेस नेता मान रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के आने से कांग्रेस को झारखंड में मजबूती मिलेगी।
निर्दलीय विधायक से मुख्यमंत्री बनने तक का रास्ता
मधु कोड़ा का सियासी सफर फिल्मी है। शुरुआती चुनावी सफलता 2000 के झारखंड विधानसभा के चुनावों में मिली। इसमें वे भाजपा उम्मीदवार के रूप में जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से चुने गए। झारखंड के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में कोड़ा पंचायती राज मंत्री बने। वे 2003 में अर्जुन मुंडा की सरकार बनने के बाद भी इसी पद पर काबिज रहे। 2005 के विधानसभा चुनावों में उन्हें भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाने से मना कर दिया गया। इसके बाद वे एक निर्दलीय के रूप में उसी विधानसभा सीट से चुने गए। खंडित जनादेश के कारण उन्होंने भाजपा के नेतृत्व में बनी अर्जुन मुंडा की सरकार का बाहर से समर्थन किया।सितंबर 2006 में कोड़ा और अन्य तीन निर्दलीय विधायकों ने मुंडा की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई। बाद में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार कर अपनी सरकार बनाई, जिसमें झामुमो, राजद, यूनाइटेड गोअन्स डेमोक्रैटिक पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक, तीन निर्दलीय विधायक शामिल थे। कांग्रेस ने उन्हें बाहर से समर्थन दिया।
पत्नी हैं विधायक
इससे पूर्व मधु कोडा की पत्नी जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक गीता कोड़ा भी कांग्रेस में शामिल हो चुकीं हैं। वह इसी महीने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो हुईं थीं। मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा झारखंड के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं। वर्ष 2014 में वह लगातार दूसरी बार राज्य विधानसभा के लिए चुनी गई थीं। इससे पूर्व इस विधानसभा क्षेत्र से उनके पति मधु कोड़ा 2005 में विधायक चुने गये थे और 2006 में वह कांग्रेस, राजद एवं झामुमो के समर्थन से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। वह लगभग दो वर्ष तक मुख्यमंत्री थे और इस दौरान उन पर विभिन्न मामलों में चार हजार करोड रुपये का घोटाला करने के आरोप लगे थे। जिसमें जेल जाना पड़ा. इस वजह से ही वह जमानत न मिलने से लगभग तीन वर्ष तक जेल में भी रहे। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के अनेक मामले अभी भी विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। गीता कोड़ा ने आश्चर्यजनक रूप से कुछ माह पूर्व हुए राज्य सभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था।