भोपाल : मध्यप्रदेश में पंद्रह वर्षों बाद कांग्रेस की सरकार बनने का रास्ता साफ होने के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ ही देर में राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष पार्टी की सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने बताया कि राज्यपाल ने कांग्रेस नेताओं को मिलने के लिए दोपहर बारह बजे राजभवन बुलाया है। राज्यपाल से मुलाकात करने बाद कमलनाथ शिवराज से मुलाकात करने पहुंचे।
श्री कमलनाथ के साथ ही वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा भी राजभवन पहुंच गए है। कांग्रेस ने 114 सीट हासिल की हैं और बसपा के दो विधायकों ने भी उन्हें समर्थन देने की घोषणा की है। इस तरह बहुमत के लिए आवश्यक 116 का आकड़ कांग्रेस ने हासिल कर लिया है। हालाकि श्रीमती ओझा ने कहा कि बसपा के अलावा चार निर्दलीय और एक सपा विधायक भी उनके साथ हैं।
राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहा हूं : शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं और भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी। चौहान ने मीडिया को बताया, ‘‘भाजपा ने यद्यपि वोट ज्यादा प्राप्त किये, लेकिन संख्या बल में पिछड़ गये। इसलिए मैं संख्या बल के सामने शीश झुकाता हूं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमने फैसला किया है कि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे।’’
चौहान ने बताया, ‘‘मैं अपना इस्तीफा देने राज्यपाल (आनंदीबेन पटेल) के पास जा रहा हूं।’’ मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए नवंबर 28 को हुए मतदान की मंगलवार को मतगणना हुई। इसमें प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बनी है। कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आई है, जो बहुमत के 116 के जादुई आंकड़े से दो सीट कम है, जबकि 15 साल से प्रदेश की सत्ता में काबिज भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है।