12 सितंबर को 19 वर्षीय छात्रा के साथ बहुचर्चित रेवाड़ी गैंगरेप केस में एसआईटी के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एसआईटी ने फरार दो मुख्य आरोपियों पंकज और मनीष को भी गिरफ्तार कर लिया। तीसरा आरोपी निशू पहले ही पुलिस गिरफ्त में है। सूत्रों के मुताबिक, आज सवेरे पुलिस दोनों आरोपियों तक पहुंची। थोड़ी देर में एसआइटी प्रमुख नाजनीन भसीन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को गिरफ्तारी की पूरी जानकारी देंगी।
पंकज सेना का जवान है, जो पीड़ित छात्रा को पहले से जानता था। उसी की वजह से छात्रा इस विभत्स घटना का शिकार हुई थी। पुलिस की अब तक की जांच के मुताबिक, मनीष गैंगरेप में उनके साथ रहा, वहीं वारदात को अंजाम देने की पूरी साजिश नीशू ने रची, जो पीड़िता का पड़ोसी है। उसे 16 सितंबर को पकड़ लिया गया था।
बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी महेंद्रगढ़ में मनीष की बहन के यहां रुके हुए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद वे पहले राजस्थान गए थे और फिर सतनाली व महेंद्रगढ़ इलाके में रह रहे थे। इधर से उधर ट्रेन में घूम रहे थे। बता दें कि मनीष की बहन ने भी प्रेम विवाह किया था और वह पति के साथ महेंद्रगढ़ में ही रह रही है।
नीशू पहले ही पुलिस हिरासत में है
सीबीएसई टॉपर से गैंगरेप मामले में एक आरोपी नीशू को पुलिस ने 16 सितंबर को ही दबोच लिया था। वह इन दिनों पुलिस रिमांड में है। इसके अलावा उस कोठड़े के मालिक दीनदयाल को भी गिरफ्तार किया गया, जहां वारदात अंजाम दी गई थी। उस डॉक्टर संजीव को भी पकड़ा गया है, जिसने आरोपियों के बुलाने पर पीड़िता का इलाज किया था।
दीनदयाल और संजीव 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। दोनों को नारनौल की नसीबपुर जेल में रखा जाएगा। दोनों को आपराधिक साजिश रचने और अपराध को छुपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, गैंगरेप की साजिश आरोपी नीशू ने ही रची थी, उसी ने दीनदयाल से कोठड़े की चाबी ली थी।
नीशू की निशानदेही पर पुलिस उसके घर से मोबाइल फोन बरामद कर चुकी है। फरार होने से पहले नीशु ने अपना मोबाइल घर ही छोड़ दिया था। रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में जब मोबाइल की जानकारी मिली तो पुलिस उसे लेकर उसके गाव पहुंची और मोबाइल कब्जे में ले लिया। इससे पहले पुलिस नीशु को वारदात स्थल पर भी ले गई थी।