कांग्रेस ने संसद की एक समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार के शासनकाल में रक्षा खर्च में लगातार कमी हुई है और पिछले चार वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति भी कमजोर हुई है।
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ’10 अगस्त को खत्म हुए मानसून सत्र में कुछ महत्वपूर्ण संसदीय रिपोर्ट आई हैं। इसमें प्राकलन समिति (इस्टीमेट कमेटी) की रिपोर्ट भी है।’
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उन्होंने कहा, ‘प्राकलन समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी हैं। 30 सदस्यों में 16 भाजपा से है। समिति चार वर्षों के बाद अपनी रिपोर्ट के साथ सामने आई है। सर्वसम्मति से रिपोर्ट तैयार हुई। इसमें रक्षा विनिर्माण और खरीद के सन्दर्भ में कुछ चिंताजनक बातें की गयी हैं।’
तिवारी ने कहा, ‘समिति ने कहा है कि कुल जीडीपी के संदर्भ में रक्षा खर्च में गिरावट हुई है। 2014-15 के बाद से लगातार गिरावट आई है।इसमें देश की सुरक्षा साथ समझौते की बात की गई है।’
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार ने पिछले वर्ष कुल जीडीपी का 1.56 प्रतिशत अपनी सुरक्षा पर खर्चा किया। ये सरकार छाती ठोक-ठोक कर कहती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर हम बहुत ज्यादा ही मजबूत हैं और बहुत कठोर कार्यवाही करते हैं। सच्चाई यह है कि इस सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति कमजोर हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से पूछना चाहते हैं कि रक्षा खर्च में कमी क्यों हो रही है? क्या इससे भारत मजबूत होता है? ‘
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘ सरकार की गलत नीतियों की वजह से नेपाल चीन की तरफ चला गया है। मालदीव की सरकार धमकी देती है। चीन का खतरा वास्तविक है।’