सोशल मीडिया जिस तरह से बच्चों के जीवन पर हावी हो रहा है। इसका उदाहरण 2016 में ब्लू व्हेल गेम के रूप में हमें देखने को मिला। जब इस गेम के चक्कर में 130 बच्चों की जान चली गई। वर्तमान में एक और गेम इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसका नाम मोमो है। बच्चों के लिए ब्लू ह्वेल के बाद अब मोमो व्हट्सऐप (Momo WhatsApp) चैलेंज भी जानलेवा बन रहा है। इस खतरनाक खेल से भारत में पहली मौत की खबर राजस्थान के अजमेर से सामने आई है। जहां मोमो गेम के चक्कर में दसवीं क्लास की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। ख़बर के मुताबिक छात्रा ने जन्मदिन के तीन दिन बाद हाथों की नस काटी और फिर फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा के मोबाइल की ब्राउज़र हिस्ट्री, Momo Challenge गेम के नियम और शरीर पर बने निशान से इस बात की आशंका जताई जा रही है।
दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 साल की छवि ने अपने जन्मदिन के तीन दिन बाद ही 31 जुलाई को आत्महत्या कर ली थी। अब पड़ताल में पता चला है कि Momo Challenge की वजह से उसने जान दी। मोबाइल की ब्राउजर हिस्ट्री, Momo Challenge गेम के नियम और छवि के शरीर पर बने निशानों की जांच-परख के बाद इसके संकेत मिल रहे हैं। दरअसल, ब्लू ह्वेल की तरह इस खतरनाक खेल का आखिरी टास्क भी मौत ही है। जन्मदिन के ठीक तीन दिन बाद छात्रा कमरे में लगे पंखे पर फंदे के सहारे झूल गई। मौत से पहले लिखे सुसाइड नोट में उसने लिखा कि वह जन्मदिन के दिन ही मर जाना चाहती थी।
क्या है मोमो व्हट्सऐप (Momo WhatsApp) चैलेंजः दरअसल, यह ‘खूनी खेल’ वाट्सऐप पर आधारित है. ‘Blue Whale Challenge’की तरह इसमें भी खतरनाक टॉस्क मिलता है। सोशल मीडिया पर जापान के एरिया कोड वाला नंबर वायरल होता है। वाट्सऐप पर कॉन्टैक्ट नंबर सेव करने पर खतरनाक तस्वीर लगी प्रोफाइल सामने आती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,मोमो की प्रोफाइल सबसे पहले लोगों को फेसबुक पर दिखी। प्रोफाइल में लगी तस्वीर का चेहरा 2016 में जापान के संग्रहालय में प्रदर्शित एक मूर्ति से मिलता है। लोगों के दिलोदिमाग में खौफ पैदा करने वाला मोमो गेम एक कॉन्सिपिरेसी थ्योरी पर आधारित है। लैटिन अमेरिका के बाद यह खतरनाक खेल अमेरिका में लोगों की नींद हराम किए हुए है।
कैसे रखें बच्चों को सैफ : खतरनाक खेल के जाल में बच्चे आसानी से फंस जाते हैं। ऐसे में अभिभावकों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.मां-बाप कुछ सावधानियां बरतकर इस खेल के चक्कर में अपने बच्चों को फंसने से रोक सकते हैं।
- सोशल मीडिया एकाउंट पर बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखें, क्या लिख रहे हैं, क्या पोस्ट कर रहे हैं। इसे नियमित रूप से चेक करें।
- 2-अपनो मोबाइल फोन को एंटी वायरस से सुरक्षित रखें। इससे संदिग्ध लिंक खोलने के दौरान पॉप-अप आ जाएगा।एंटी वायरस प्रोटेक्शन से फेसबुक मैसेंजर, एसएमएस, वाट्सऐप भी सुरक्षित रहेंगे।
- ध्यान रखें कि अपने और बच्चों के मोबाइल कॉन्टेक्ट्स लिस्ट में परिचितों के ही नंबर हों। फोन में पेटर्न लॉक की सुविधा भी रखें।
- 4-बच्चे अगर गुमसुम, उदास नजर आएं या फिर व्यवहार में असामान्य परिवर्तन हों तो उनकी अतिरिक्त देखभाल करें।