बिहार के मुज़फ्फ़रपुर बालिका गृह में रहने वाली 28 बच्चियों के साथ बलात्कार और प्रताड़ना के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले से संबंधित सभी दस्तावेज स्थानीय पुलिस से अपने कब्जे में ले लिए हैं। वहीं इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस नें बिहार के भागलपुर मे बालगृह के पूर्व अधीक्षक प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सीबीआई जांच टीम को रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर कॉल की डिटेल्स भी मिल गई हैं, जिसके आधार पर आगे की पूछताछ की जाएगी। सीबीआई की टीम संस्था का सोशल ऑडिट करने वाली टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेस के भी संपर्क में है।
कॉल डिटेल्स और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर सीबीआई ठाकुर से पूछताछ करेगी। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को ब्रजेश ठाकुर के तीन मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स मिली हैं। बड़ी बात ये है कि तीनों मोबाइल में तमाम कॉल्स ऐसी हैं जो साफ करती हैं कि ठाकुर मुजफ्फरपुर से लेकर पटना तक कई सफेदपोश लोगों के संपर्क में रहता था।
बालिका गृह के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर से सीबीआई अब इन कॉल्स के आधार पर बातचीत का ब्योरा मांगेगी। इसके अलावा सीबीआई को कुछ और अहम सबूत भी मिले हैं। जांच टीम ने समाज कल्याण विभाग से ठाकुर के एनजीओ से जुड़े पांच साल के दस्तावेज मांगे थे, जो उसे मिल गए हैं।
फंड के लिए नियमों का उल्लंघन
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, दस्तावेजों से साफ पता चलता है कि ब्रजेश ठाकुर के तमाम एनजीओ को फंड देने के लिए नियमों को ताक पर रखा गया। अहम सबूत मिलने के बाद सीबीआई ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से पूछताछ के लिए संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक एक-दो दिन में सभी आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
माना जा रहा है कि कॉल डिटेल्स और फंड में नियमों के उल्लंघन की बात सामने आने के बाद ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। साथ ही विपक्ष ब्रजेश ठाकुर पर सत्ता से सांठ-गांठ के जो आरोप लगा रहा है, उसे भी बल मिल सकता है।
बता दें कि बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों में से 34 के साथ रेप की पुष्टि हुई है। जिसके बाद बालिका गृह के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत दूसरे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी लगातार नीतीश सरकार पर ब्रजेश ठाकुर को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही वो ब्रजेश ठाकुर को नीतीश कुमार की पार्टी के नेताओं से संरक्षण मिलने का आरोप भी लगा रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों को सजा दिए जाने की बात कही है।