राजस्थान के अलवर गोरक्षा के नाम पर हुई हिंसा में नया ट्विस्ट आ गया है। गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर रकबर नाम के व्यक्ति की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पुलिस पीड़ित रकबर को घायल हालत में अस्पताल ले जाने से पहले घंटों तक घुमाती रही। इतना ही नहीं पुलिस ने घायल रकबर को पीटा भी था। जिसके कारण उसकी जान चली गई। मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार पुलिस को देर रात 12:41 बजे घटना की सूचना मिली और पुलिस 1:20 बजे वहां पहुंची। पुलिस के साथ गए नवल किशोर के अनुसार पुलिसवालों ने घायल के शरीर को धोया क्योंकि वह कीचड़ से सना था, उसके बाद उन्होंने कई अन्य काम किए। उनका पहला पड़ाव नवल किशोर का घर था, जहां से उन्होंने गाड़ी का इंतजाम किया ताकि गायों को स्थानीय गोशाला ले जाया जा सके। इसके बाद पुलिस जब्त की गई गायों को गोशाला ले गई, फिर पुलिस थाने गई और यहां तक कि चाय पीने के लिए भी रुकी। अस्पताल पहुंचने तक रकबर उर्फ रकबर की जान जा चुकी थी।
राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका, SC करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट अलवर में हुई मॉब लिंचिंग की ताजा घटना के मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना याचिकाओं पर 28 अगस्त को सुनवाई करेगा। तहसीन पूनावाला और तुषार गांधी ने अवमानना याचिकाओं में आरोप लगाया कि गोरक्षा पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद अपराध हो रहे हैं।
परिवार में अकेला कमाने वाला था रकबर
राजस्थान के अलवर में शुक्रवार को पशुतस्करी के आरोप में जिस शख्स की हत्या कर दी गई है वह अपने परिवार के लिए रोटी कमाने वाला अकेला शख्स था। भीड़ के हमले में जान गंवाने वाला रकबर खान हरियाणा के मेवात जिले का रहने वाला था। अब उसके आश्रितों के सामने जीने का संकट आकर खड़ा हो गया है। रकबर के घर में पत्नी, माता-पिता और सात बच्चे हैं।
रकबर खान के रिश्तेदारों ने बताया कि वह गांव में ही डेरी का बिजनेस शुरू करना चाहता था। इसके लिए वह कुछ लोगों से कर्ज भी लिया था। रकबर अपने दोस्त असलम के साथ राजस्थान के अलवर जिले के लालवंडी गांव दो गाय खरीदने गया था ताकि वह अपने डेरी कारोबार को और बड़ा कर सके। शनिवार को गांव लौटे असलम ने रकबर के घरवालों को बताया कि वह अंधेरे का फायदा उठाकर खेतों में छिप गया जबकि रकबर पर भीड़ ने हमला बोल दिया। असलम ने बताया कि दोनों लोग रकबर की मोटरसाइकिल में शाम पांच बजे गांव से निकले थे और रात को लालवंडी गांव पहुंचे थे। रकबर ने उसे यह बोलकर साथ ले गया था कि दो गाय खरीदने जाना है। उन लोगों के पास दो बछड़े पहले से थे।
दोनों वहां 60 हजार रुपए में दो गाय खरीदीं। रकबर गायों के पीछे – पीछे चल रहा था जबकि असलम मोटरसाइकिल पर किनारे -किनारे चल रहा था। तभी एक फायर की आवाज सुनाई दी और कुछ लोग यह कहते हुए उनके पीछे दौड़े कि कोई गाय चुराकर लिए जा रहा है। असलम के अनुसार, लोग उनकी ओर आ रहे थे तो वह डर के मारे खेतों में छुप गया, लेकिन रकबर गायों को पकड़कर चल रहा था तो वह नहीं भागा।
असलम ने बताया कि अंधेरे के कारण वह लोगों को पहचान तो नहीं सकता लेकिन उनकी आवाज पहचान सकता है क्योंकि वह बहुत जोर-जोर से उन्हें गाली दे रहे थे। उसने बताया कि वह शनिवार की सुबह तक वह खेतों में छुपा रहा और सुबह होने पर दूसरे वाहन में लिफ्ट मांगकर अपने गांव पहुंचा।
हत्या में तीन गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस ने रकबर को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बातया कि तीन संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।