बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। नीतीश कुमार ने यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की और ऐसी घटनाएं दोबारा होने से रोकने के लिए संस्थागत प्रणाली विकसित करने की जरुरत पर जोर दिया।
लड़कियों के कल्याण के लिए, ”मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना” शुरू करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बालिका गृह में लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न ने ”हमें शर्मिंदगी और अपराध बोध” का एहसास कराया है।
पिछले महीने सामने आए इस मामले के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ”हमने हमेशा से कहा है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी विधानसभा में कहा था कि हम खुद चाहते हैं कि उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच हो।”
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए संबंधित विभागों के परामर्श के साथ संस्थागत प्रणालियां विकसित करने को कहा है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर में संचालित बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार का मामला उजागर होने के बाद ही ब्रजेश ठाकुर को 9 अन्य साथियों समेत गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह जेल में बंद है। वही, बलात्कार का मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने बालिका गृह को पूरी तरीके से सील कर दिया था।
क्या है पूरा मामला ?
मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसमें पहली बार इस आश्रय गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी। रिपेार्ट को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने आनन-फानन में सभी लड़कियों को यहां से दूसरे बालिका गृह में शिफ्ट करते हुए इसे बंद कर दिया। साथ ही संचालक पर नगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई । इसमें पॉस्को सहित कई गंभीर धाराएं लगाई गई।