मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बच्चियों के कथित यौन शोषण मामले के खिलाफ नीतीश सरकार के ऊपर त्वरित एक्शन न लेने के कई सारे आरोप लग रहे हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर नीतीश सरकार के ऊपर लगातार हमलावर है।
वहीं , मीडिया में भी नीतीश सरकार की आलोचना हो रही है कि इतने दिनों से बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ घिनौना काम होता रहा। मगर सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी। मगर इस मुद्दे पर आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
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नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी गड़बड़ करेगा वो अंदर जाएगा, फिर चाहे कोई भी हो। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी कहा कि वह इस मामले में सरकार की ओर से उठाए गए निर्णायक फैसलों को भी जनता को दिखाएं।
इस दर्दनाक मामले को लेकर लगातार आलोचनाओं का शिकार हो रहे नीतीश कुमार ने कहा कि आप लोग जरा कृपा करके पॉजिटिव फीड भी देख लें। कुछ निगेटिव चीजें हो गईं और उसी को लेकर चल रहे हैं। जो गड़बड़ करेगा, वो अंदर जाएगा। उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा, वो भी अंदर जाएगा।
आगे नीतीश कुमार ने कहा कि हम किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं। मैंने आज तक कोई समझौता नहीं किया है। बाकी हम ही को गाली देना है तो दीजिए। कैसे-कैसे लोगों से गाली दिलवा रहे हैं। नीतीश सरकार ने अब लापरवाही बरतनेवाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
बता दें कि लडकियों के साथ यौन शोषण मामले की सीबीआई जांच के बीच राज्य के समाज कल्याण विभाग ने मुजफ्फरपुर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक सहित मुंगेर, अररिया, मधुबनी, भागलपुर और भोजपुर जिलों की बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशकों को भी निलंबित कर दिया है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में जारी अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार निलंबन की उक्त कारवाई जिन बाल संरक्षण इकाईयों के सहायक निदेशक के पद पर तैनात पदाधिकारियों के खिलाफ की गयी है उनमें दिवेश कुमार शर्मा (मुजफ्फरपुर), सीमा कुमारी (मुंगेर), घनश्याम रविदास (अररिया), कुमार सत्यकाम (मधुबनी), गीतांजलि प्रसाद (भागलपुर) और आलोक रंजन (भोजपुर) शामिल हैं।