लोकसभा में 20 सितंबर के दिन महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया जहां इस बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे थे बता दे कि आज 21 सितंबर के दिन यह बिल राज्यसभा में भी पेश किया जाएगा। यही एक ऐसा मंत्र बिल है जिसको लेकर विपक्ष भी भाजपा सरकार के साथ अपनी सहमति दिख रही है और अपने पुराने सपनों को गिनवा रही। विपक्ष ने इस पर अपनी अच्छी प्रतिक्रिया दिखाई लेकिन असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस ए इतेहादुल मुस्लिमीन ने जमकर विरोध किया। जिसका खुलासा उन्होंने खुद ही किया है।
क्या थी ओवैसी के विरोध करने की वजह ?
दरअसल महिला आरक्षण बिल पर असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताया, जिस पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि "हम इस विधेयक के खिलाफ इसलिए वोट किया ताकि देश को पता चले कि संसद में दो ऐसे भी सदस्य हैं जो मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं उन्होंने कहा कि विधायक में मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं का कोई भी प्रावधान नहीं है तो यही वजह है कि हमने विधायक का विरोध किया है साथ ही वोट भी नहीं दिया"
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा की इस देश में अगर ओबीसी समुदायों की आबादी की बात करी जाए तो यह 50% से भी अधिक है। इसके बावजूद भी सरकार उन्हें आरक्षण देने से मना क्यों कर रही है? वहीं राष्ट्रीय आबादी में मुस्लिम महिलाओं की आबादी सिर्फ और सिर्फ 7% है संसद में उनके प्रतिनिधित्वता की बात करें तो यह सिर्फ 0.7 फ़ीसदी है। देश को पता चले कि हम मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं इसीलिए हमने इस विधेयक का विरोध किया है