पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद नई सरकार का भारत को लेकर बोला गया बड़ा झूठ बेनकाब हो गया है। दरअसल, पाकिस्तान के नवनियुक्त विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को दावा किया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक पीएम को पत्र लिखकर बधाई दी और बातचीत का प्रस्ताव रखा। हालांकि नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने साफ कहा कि पीएम मोदी ने इमरान खान को बधाई पत्र जरूर भेजा है पर इसमें बातचीत का कोई प्रस्ताव शामिल नहीं है।
भारत ने पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस दावे को खारिज किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को बातचीत के लिए न्योता भेजा है। भारत सरकार ने ऐसे किसी भी प्रस्ताव होने के दावे का खंडन किया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान को लिखी गई बधाई वाली चिट्ठी में एक पड़ोसी देश के रूप में सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने की बात कही है, इसमें औपचारिक तौर पर दोनों देशों के संबंधों को लेकर बातचीत के लिए आमंत्रित करने जैसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
दरअसल, मंत्रीपद की शपथ लेने के बाद सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को चिट्ठी लिखकर बातचीत का न्योता दिया है। शाह महमूद के इस दावे का भारत सरकार ने तुरंत खंडन कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि पीएम मोदी ने अपनी चिट्ठी में इमरान खान को नई जिम्मेदारी को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने और लोकतंत्र को मजबूत करने की बात कही है।
बता दें कि इमरान खान चुनाव जीतने से पहले भी भारत के साथ बातचीत का पक्ष लेते रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद रविवार को इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की बात कही थी। साथ ही ये भी कहा था कि पाकिस्तान को अपने सभी पड़ोसियों के साथ ‘बेहतरीन संबंध’ रखने की दिशा में काम करना होगा क्योंकि इसके बिना देश में शांति लाना संभव नहीं होगा।
पीएम मोदी ने भी अपने समकक्ष को बधाई देते हुए लिखा है कि आपको मिला जनमत इस बात का प्रतीक है कि जनता को आपकी लीडरशिप में यकीन है। साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि भारत एक पड़ोसी के रूप में हमेशा से अच्छे संंबंधों के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने इमरान खान से भी क्षेत्र में शांति के लिए प्रयास का आह्वान किया, लेकिन शाह महमूद कुरैशी ने जब विदेश मंत्री की शपथ लेने के बाद मीडिया को संबोधित किया तो उन्होंने पीएम मोदी की शिष्टाचार वाली चिट्ठी और बधाई संदेश को बातचीत को न्योता करार दे दिया।