Parenting Tips: अक्सर ऐसा होता है कि, कोई-कोई बच्चा चिड़चिड़ा और अपने से बड़े लोगों पर भी हाथ उठाने लगता है जिसके कारण माँ-बाप बच्चे को डांट लगाकार चुप कराते हैं और उसे लेकर परेशान रहने लगते हैं और अपनी परवरिश पर ही शक करने लगते हैं लेकिन असल में इसके पीछे का क्या कारण है इसको जानने की कोशिश नहीं करते हैं। एक बार कल्पना कीजिये कि, यदि आपको अपने ऑफिस में अपने किसी सीनियर की नाराजगी का सामना करना पड़ जाये तो आपको गुस्सा तो आता है लेकिन आप अपने गुस्से को किसी के भी सामने जाहिर नहीं कर पाते हैं और अंदर ही अंदर चिढ़ते रहते हैं सोचिये यह प्रक्रिया दिन में 12 या उससे भी ज्यादा बार दोहराई जाती है तो आपको कैसे लगेगा।
इस सिचुएशन में व्यक्ति का दिमाग बहुत कन्फ्यूजन में रहता है जो न खुद को किसी के आगे व्यक्त कर सकता है और न ही खुद कुछ कर सकता है जिससे वह चिड़चिड़ा और गुस्सैल होता जाता है एक समय पर व्यक्ति स्तिथि को संभाल नहीं पाता है अब जब एक बड़े व्यक्ति के साथ ऐसा हो रहा है तो जरा सोचिये कि एक छोटा सा बच्चा जब अपनी भावनाओं या अपने आपको समझ नहीं पायेगा तो उसको कैसा महसूस होगा। जब एक बच्चा अपनी फीलिंग्स को समझ नहीं पाता है तब वह दूसरों पर हाथ उठाने लगता है और चिड़चिड़ा होकर ऊँची आवाज़ में बदतमीजी से बात करने लगता है। कई बार पेरेंट्स अपने बच्चे के गलत व्यवहार को देखकर सोचते हैं कि उनका बच्चा बिगड़ा हुआ है या उन्होंने अपने बच्चों में गलत संस्कार दिए हैं लेकिन इसके पीछे की वजह या कारण ये नहीं होते हैं, आइए जानें कि, आपके बच्चे के गुस्सैल और चिड़चिड़े स्वभाव के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
छोटे बच्चे बहुत मासूम होते हैं उन्हें गलत-सही की जानकारी नहीं होती है जब उन्हें अपनी बात मनवानी होती है और कोई रास्ता नज़र नहीं आता है तब वे दूसरों पर हाथ उठाने लगते हैं वे जानबूझ ऐसा नहीं करते हैं, लेकिन अपनी बात को पूरा कराने के लिए वे यह कदम उठाते हैं।
छोटे बच्चे बड़ों लोगों की तरह समझदार नहीं होते हैं उन्हें नहीं पता होता की किसी को मारना गलत है वे दूसरों पर हाथ उठा कर अपनी फीलिंग्स को बताना चाहते हैं इसके लिए उन्हें दूसरा तरीका समझ नहीं आता है। छोटे बच्चे नहीं जानते किसी पर हाथ उठाने के परिणाम क्या होंगे या इससे किसी का क्या नुकसान होगा उन्हें बस अपनी फीलिंग्स जाहिर करनी होती हैं।
छोटे बच्चे जब किसी पर हाथ उठाते हैं तो उनके लिए अपने इंपल्स पर नियंत्रण करना मुश्किल होता है। छोटे बच्चे जब चिड़चिड़ा महसूस करते हैं या उन्हें किसी बात पर गुस्सा आता है तब उन्हें सामने बैठे या आसपास मौजूद व्यक्ति को मारने की बहुत तेज इच्छा होती है इस इंपल्स को वे चाहकर भी नियंत्रित नहीं कर सकते और हाथ उठा देते हैं।
छोटे बच्चों का दिमाग बड़े लोगों के मुकाबले अविकसित रहता है वे डांट सुनकर भी सामने वाले पर हाथ उठा देते हैं। बेतुकी बातों के लिए कोई बड़ा व्यक्ति हाथ नहीं उठाएगा लेकिन अगर बच्चा ऐसा करता है तो इसका मतलब उसका दिमाग अभी विकसित प्रक्रिया में है। अपने बच्चे पर ध्यान देकर आप इसे सुधार सकते हैं।
छोटे बच्चों के लिए अपनी भावनाओं को समझना मुश्किल होता है अपने विकसित होते ब्रेन की वजह से उनके लिए खुद को समझना मुश्किल होता है वे सोचने में भी सक्षम नहीं होते हैं जिस वजह से परेशान रहते हैं और गुस्से में आकर हाथ उठा देते हैं। इसके अलावा बहुत छोटे बच्चों के अंदर दूसरे के लिए दया नहीं होती है जब उनकी उम्र 2 साल से ऊपर होती है तब उनमें दया की भावना जाग्रत होने लगती है इससे पहले वाली उम्र में उन्हें किसी के दुःख, दर्द, ख़ुशी या परेशानी से कोई मतलब नहीं होता है।
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