तेल की कीमतों में उछाल पर PM मोदी ने जताई थी चिंता, अब आया OPEC का जवाब - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तेल की कीमतों में उछाल पर PM मोदी ने जताई थी चिंता, अब आया OPEC का जवाब

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चिंता प्रकट करने के एक दिन बाद तेल उत्पादन एवं निर्यातक देशों के

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चिंता प्रकट करने के एक दिन बाद तेल उत्पादन एवं निर्यातक देशों के मंच ओपेक ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत और अन्य तेल आयातक देशों का भरोसा नहीं तोड़ा है बल्कि बाजार में चार साल की गिरावट के बाद उसमें आवश्यक स्थिरता ही प्रदान की है।

ओपेक के महासचिव सानूसी बरकिंडो ने हालांकि यह भी कहा कि पिछले समय में तेल बाजार में जो स्थिरता पैदा हुई थी उसके लिए अब मुश्किलें खड़ी हो रही हैं लेकिन ये मुश्किलें ओपेक के कारण नहीं बल्कि व्यापारिक तनाव और ब्याज दरों में मजबूती जैसे बाहरी कारणों से हैं।

उन्होंने राजधानी में पेट्रोलियम उद्योग पर इंडिया एनर्जी फोरम सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नयी कठिनाइयां बाहरी कारणों से उत्पन्न हुई हैं। इनमें दुनिया के प्रमुख व्यापारिक देशों के बीच तनाव, मौद्रिक प्रोत्साहन नीति वापस लिए जाने और ब्याज दरों के बढ़ने जैसे कारक काम कर रहे हैं।

राहुल गांधी झूठ गढ़ रहे हैं, मैं नीरव मोदी से कभी नहीं मिला – अरुण जेटली

उन्होंने कहा , ‘हमने भारत का भरोसा नहीं तोड़ा है, हमने बड़े उपभोक्ता देशों को निराश नहीं किया है। हम जो भी कदम उठाते हैं, जो भी फैसले करते हैं उसमें उपभोक्ता देशों के हितों का ध्यान रखा जाता है। … हमारा भी हित इसी में है कि भारत वृद्धि करे, समृद्ध हो, अपनी ऊर्जा की जरूतों को पूरा करने के लिए तेल का भी इस्तेमाल करता रहे।’’

बरकिंडो ने कहा कि एक साल परहले प्रधानमंत्री मोदी , पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और तेल उद्योग की प्रमुख हस्तियों, सभी ने सुझाव दिया था कि इस उद्योग को गिरावट के दौर से उबारने के लिए ओपेक और गैर-ओपेक देशों को मिल कर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘‘भारत तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है और उसने भी तेल बाजार में स्थिरता लाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करने की जरूरत पर सहमति जताई थी और कहा था कि आगे इस दिशा में जो कुछ करने की जरूरत हो किया जाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने तेल क्षेत्र की देश विदेश की कंपनियों और विशेषज्ञों की बैठक में कच्चे तेल की दरों में उछाल पर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे आर्थिक वृद्धि को नुकसान हो रहा है। उन्होंने तेल के खरीदार देशों की तुलना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी से की थी और तेल निर्यातकों को आगाह किया था कि इस मुर्गी को मारने की लालच न की जाए।

बरकिंडो ने ओपेक की वर्ल्ड आउटलुक रपट का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि 2040 तक दुनिया में ऊर्जा की दैनिक मांग 2015 की तुलना में 33 प्रतिशत या 9.1 करोड़ बैरल तेल या उसके समकक्ष उत्पाद के बराबर बढ़ जाएगी। अनुमान है कि इस वृद्धि में 24 प्रतिशत या 2.2 करोड़ बैरल तेल या तेल समकक्ष उत्पाद के लिये भारत का योगदान रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve + 12 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।