सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस पर जाति और धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि आतंकवाद का समूल विनाश और देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिये भाजपा को पूर्ण बहुमत की जरूरत है। बांदा के कृषि विश्वविद्यालय के मैदान पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जातिपात और धर्म के नाम पर वोट हासिल करने की कोशिश करने वाले आतंकवाद की खुली मुखालफत नहीं कर सकते है क्योंकि उन्हे डर है कि इससे उनका वोट बैंक खिसक जायेगा।
जाति पात की राजनीति वाले दलों पर अलीगढ का ताला लगना तय है। उन्होने कहा ‘‘ क्या सपा बसपा अथवा कांग्रेस ने आतंकवाद के खात्मे की कोई योजना बना रखी है। बिल्कुल नहीं बल्कि ये इतना डरे हुए है कि आतंकवाद के खिलाफ बोलेंगे तो उनका वोट बैंक खिसक जायेगा। जो अपने वोट के लिये मरते है वो देश को मरवाते है। मोदी अपने लिये नहीं बल्कि देश के लिये पैदा हुआ है। जातिवाद और अवसरवाद को सबक सिखाना है ताकि राजनीतिक दलों को संदेश जाये और वह देश को मजबूत करने में जुट जायें।’’
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पीएम मोदी ने कटाक्ष किया ‘‘ इन दिनों सपा बसपा वाले मेरी जाति का सर्टिफिकेट बांट रहे है जबकि कांग्रेस के नामदार मोदी के बहाने पूरे पिछड़े समाज को ही गाली देने में लगे हैं। ये जात-पात, पंथ-संप्रदाय तक ही सोच सकते हैं। ये एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात तक करना नहीं चाहते। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, झांसी की रानी और सुभाष चंद्र बोस समेत एक भी महापुरुष को अपनी जाति से नहीं जाना जाता बल्कि अपने कार्यों से जाना जाता हैं।’’
लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का दावा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहले तीन चरणों में भाजपा के प्रति मतदाताओं के रूझान से विपक्ष बुरी तरह घबराया हुआ है। इसका उदाहरण है कि विपक्ष के जो नेता इससे पहले उन्हें गाली दे रहे थे, वे अब ईवीएम को गाली दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश में 20-40 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों के नेता भी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते है। ऐसे ही देश में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा भी उन्हे प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती है। अब निर्णय जनता को करना है कि वे किसे इस कुर्सी पर देखना चाहते हैं।
उन्होने कहा कि 21वीं सदी में पैदा हुए युवाओं के सामने पूरी सदी पड़े है। वह क्या चाहता है वो न तो नेता जानते है और न राजनीतिक पंडित जान सके। 80 प्रतिशत नौजवान विकास के साथ खड़े है। दरअसल, जमीन से पूरी तरह कट चुके लोग इस बार अपने ही बनाये खेल में फंस गए हैं। इनको पता ही नहीं चला कि यह 21वीं सदी का मतदाता है जो अतीत का बोझ नहीं बल्कि भविष्य के सपने पूरे करने में विश्वास करता है। इन सपनो को पूरा करने के लिए वह खपने को तैयार है।
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पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने वाला यह वर्ग इन नेताओं की समझ से बाहर है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ जाति पात की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने सिर्फ व्यक्ति-व्यक्ति में ही भेद नहीं किया बल्कि क्षेत्रों के आधार पर भी भेदभाव किया। आप मुझे बताइये हमारे देश के महान बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, झांसी की रानी और सुभाष चंद्र बोस किस जाति के थे। एक भी महापुरुष अपनी जाति से नहीं जाना जाता बल्कि अपने कार्यों से जाना जाता हैं। हर कोई भारतवासी था।
बुंदेलखंड में पानी की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ यहां की बहनों का पानी को लेकर किये संघर्ष अनुभव करता हूं। मैंने यह दर्द करीबी से देखा है। इस चुनौती को भी इस चौकीदार ने स्वीकार किया है। जैसे पहले चूल्हे के धुंए से निजात दिलायी, उसी तरह अब बारी पानी की समस्या से निपटा जाएगा। नयी सरकार बनने के बाद पानी की समस्या दूर करने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।’’ उन्होने कहा कि भाजपा गठबंधन की सरकार के दोबारा सत्ता में आने पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से पांच एकड़ की शर्त हटाकर इसका लाभ देश के सभी किसानों को पहुंचा जायेगा। जनहित के लिए बड़ काम तभी होते हैं जब समर्पण भाव से काम किया जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड में खेती के साथ-साथ औद्योगिक विकास के सभी उपाय किये जा रहे है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना इस पूरे क्षेत्र में विकास की क्रांति लायेगी जबकि झांसी से आगरा के बीच बन रहा डिफेंस कॉरिडोर देश में ही सेना के लिए अस्त्र शस्त्र बनाने के अभियान को मजबूत करेगा। उन्होने कहा ‘‘बुंदेलखंड में मां भारती के गौरव गान की पुरानी परम्परा है। आज जब मैं यहां पहुंचा तो एक वीर जवान को नमन करने का मौका मिला। वो कतार में मेरे स्वागत के लिए खड़ थे। जब संसद में हमला हुआ था तो इसी धरती के उस वीर जवान छह गोलियां झेली थीं। ’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमने संकल्प लिया है कि पानी के लिए अलग से जलशक्ति मंत्रालय बनाया जाएगा, जिसका अलग से बजट होगा। नदियां हों, समंदर हों, वर्षा का पानी हो, जितने भी संसाधन हैं सब जगह से तकनीक का उपयोग करके त्ररूरतमंद क्षेत्रों में जल पहुंचाया जाएगा।