प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-जापान के 13वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के दिवसीय दौरे पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-जापान के बीच वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तोक्यो पहुंचे जहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों का आह्वान किया कि वे दीपावली के दीपक की तरह से पूरी दुनिया को अपने प्रकाश से प्रकाशित कर देश का नाम ऊंचा करें और यही मेरी आप सबके लिए बहुत शुभकामनाएं हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत व्यापक बदलाव के दौर से गुजर रहा है जिसके चलते दुनिया में भारत को लेकर उत्सुकता है। साथ ही अब देश में दुनिया को भारत के चश्मे से देखने का काम चल रहा है। इस समय हमारे देश में 1 जीबी इंटरनेट कोल्ड ड्रिंक की एक छोटी बॉटल से भी सस्ता है। उन्होंने कहा, ‘भारत और जापान के बीच संबंधों की जड़ें पंथ से लेकर प्रवृति तक हैं। हिंदू हो या बौद्ध मत, हमारी विरासत साझा है। हमारे आराध्य से लेकर अक्षर तक में इस विरासत की झलक मिलती है। भारत और जापान के रिश्तों के ताने बाने में ऐसे अतीत के बहुत से मजबूत धागे हैं।
भारत और जापान के इतिहास को जहां बुद्ध और बोस जोड़ते हैं, वहीं वर्तमान को आप जैसे नए भारत के दूत मजबूत कर रहे हैं।’ पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों से कहा, ‘आप वह पुल हैं जो भारत और जापान को, दोनों देशों के लोगों को, संस्कृति और आकांक्षाओं को जोड़ते हैं। जापान में 30 हजार से अधिक का भारतीय समुदाय हमारी संस्कृति के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहा है। जापान में बसे भारतीयों ने जापानी दोस्तों के साथ मिलकर हमेशा से ही देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है।
स्वामी विवेकानंद को, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को, भारत की आज़ादी के आंदोलन को जो सहयोग जापान से मिला है, वह करोड़ों भारतीयों के दिल में हमेशा रहेगा।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘अभी हाल में दुनिया की दो बड़ी संस्थाओं ने भारत के प्रयासों सराहा है और सम्मानित किया है। ग्रीन फ्यूचर में योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र ने और चैंपियन ऑफ द अर्थ के रूप में सोल पीस प्राइज के रूप में भारत को यह सम्मान दिया गया।
सोल पीस प्राइज सवा सौ करोड़ जनों के प्रतिनिधि के रूप में भले ही मुझे दिया गया हो लेकिन मेरा योगदान माला के उस धागे जितना है जो मनकों को पिरोता है और संगठित होकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।’ पीएम मोदी ने कहा कि हमने बहुत ही कम खर्च में चंद्रयान और मंगलयान अंतरिक्ष में भेजा। अब 2022 तक भारत गगनयान भेजने की तैयारी में जुटा है। ये गगनयान पूरी तरह से भारतीय होगा और इसमें अंतरिक्ष जाने वाला भी भारतीय होगा।
बुलेट ट्रेन से लेकर स्मार्ट सिटी तक आज जो न्यू इंडिया का नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है। उसमें जापान की भागीदारी है। भारत की मैन पावर, भारत की युवा शक्ति को भी जापान की स्किल का लाभ मिल रहा है ।पीएम मोदी ने जापान में रह रहे भारतीय समुदाय को अगले साल वाराणसी में होने जा रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया।