पीएनबी घोटाले (पंजाब नेशनल बैंक) के मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ते हुए भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है। जानकारी के मुताबिक चोकसी ने अपना भारतीय पासपोर्ट एंटीगुआ हाईकमीशन में जमा कर दिया है। कहा जा रहा है कि अब भारत सरकार के लिए चोकसी को भारत वापस लाना काफी मुश्किल हो गया है।
हालांकि इसके बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के बिल को पारित किया है। जो भाग गए हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा। इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन इन सभी को वापस लाया जाएगा।
भगोड़ा हीरा कारोबारी चोकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयमैन है और उसने एंटीगुआ में शरण ले रखी है। गौरतलब है कि कल ही चोकसी के प्रत्यर्पण मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही उसने खुद को आधिकारिक तौर पर एंटीगुआ का नागरिक घोषित कर दिया है। नागरिकता छोड़ने के लिए चोकसी को 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ा है।
इस बारे में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना दे दी है। भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले फार्म में चोकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगुआ बताया है। चोकसी ने हाई कमीशन को कहा कि उसने नियमों के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ली और भारतीय नागरिकता छोड़ी है। इस बारे में विदेश मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को अवगत करा दिया है।
मेहुल चोकसी का अब आधिकारिक पता हार्बर, एंटीगुआ हो गया है। मेहुल चोकसी के वकीलों को उम्मीद है कि इस कोशिश से भारत द्वारा चोकसी को प्रत्यर्पित करने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। चोकसी ने साल 2017 में ही एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। मुंबई पुलिस की हरी झंडी के बाद चोकसी को नागरिकता मिली थी। पिछले साल जनवरी माह में पीएनबी घोटाला खुलने की भनक के बाद मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी फरार हो गए थे। उन दोनों के फरार होने के बाद घोटाला देश के सामने आया था।