अमृतसर ट्रेन हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या 62 हो गई है। नगर निगम के पार्षद राजिन्दर सैनी के मुताबिक वार्ड नंबर 24 के एक निवासी ने रविवार शाम को दम तोड़ दिया। दूसरी तरफ, रेलवे के इतिहास में सबसे भीषण हादसों में से एक अमृतसर की घटना में अभी तक किसी की जिम्मेदारी ही तय नहीं हो पाई है। अब जिम्मेदारी तय करने के लिए भी जांच होगी। पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा है कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेलवे) इकबाल प्रीत सिंह सहोता अमृतसर ट्रेन हादसे की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच करेंगे। डीजीपी ने कहा कि अमृतसर में किसकी ओर से ‘‘लापरवाही” हुई है और इस जांच का आदेश जिम्मेदारी तय करने के लिए दिया गया है। अरोड़ा ने कहा कि यह एक दुखद घटना है और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जालंधर के संभागीय आयुक्त बी पुरूषार्थ की अगुवाई में एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया जो चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंप देंगे।
हादसे के बाद लगातार इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है, कांग्रेस और अकाली दल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच, अमृतसर शहर के डिप्टी मेयर रमन बख्शी ने हादसे के बाद अपनी ही पार्टी के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर सवाल उठा दिए हैं। रमन बख्शी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने बयान दिया है कि इस हादसे के लिए राज्य सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की जवाबदेही तय होनी चाहिए। साफ है कि इस बयान के बाद हादसे को लेकर कांग्रेस में ही दो तरह के पक्ष दिखाई पड़ रहे हैं।
बख्शी ने कहा कि 60 लाशों का बोझ कांग्रेस नहीं उठा सकती है, ये वो ही उठाएं जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में न्यायिक जांच के भी आदेश दे दिए हैं। ऐसे में अमृतसर के डिप्टी मेयर का कहना है कि अगर इसमें किसी नेता का नाम आता है, तो उस पर कार्रवाई जरूर होगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह हुए इजरायल रवाना
अमृतसर हादसे के 48 घंटे बाद ही राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इजरायल दौरे पर रवाना हो गए हैं। रविवार की शाम पंजाब सीएम रवाना हुए, उनका ये दौरा 1 नवंबर तक रहेगा। हालांकि, अमरिंदर सिंह को पहले शुक्रवार की शाम को ही रवाना होना था, लेकिन हादसे के कारण उन्होंने अपना दौरा टाल दिया था।आपको बता दें कि इस प्रकार का दावा किया जा रहा था कि जिस जगह पर रावण दहन हुआ था तब वहां पर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर उपस्थित थीं. जिसके बाद से ही सिद्धू और उनकी पत्नी पर निशाना साधा जा रहा था।
हालांकि, रविवार को ही सिद्धू ने इन सवालों पर चुप्पी तोड़ी और आलोचकों को जवाब दिया। सिद्धू का कहना था कि जब गाय को बचाने के लिए ट्रेन कभी भी रोकी जा सकती है, तो लोगों को देखकर ट्रेन क्यों नहीं रोकी गई थी। दरअसल, रेलवे की ओर से इस हादसे में ट्रेन ड्राइवर या रेलवे विभाग की किसी तरह की चूक से इनकार किया था।
फरार है कार्यक्रम का आयोजक
सारे घटनाक्रम के बीच रावण दहन का आयोजन करने वाला आयोजक सौरभ मदान मिट्ठू हादसे के बाद से ही फरार है। हादसे के ठीक बाद ही एक वीडियो सामने आया था, जिसमें सौरभ गाड़ी बैठ कर कहीं जाता हुआ दिख रहा है, बस तभी से उसका कुछ पता नहीं लगा है।
कैसे हुआ था अमृतसर रेल हादसा?
बता दें कि बीते शुक्रवार (19 अक्टूबर, 2018) शाम को अमृतसर के चौड़ा बाजार स्थित जोड़ा फाटक के रेलवे ट्रैक पर लोग मौजूद थे। पटरियों से महज 200 फुट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था. इसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन वहां से गुजरी और ट्रैक पर मौजूद लोगों को कुचल दिया। इसके बाद चारों ओर लाशें बिछ गईं। इस हादसे में करीब 60 लोगों की मौत हुई, जबकि 57 लोग घायल हैं। हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार करीब 100 किमी. प्रति घंटे थी।