नई दिल्ली : राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और युवा नेता सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान की खबरों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि फैसला 48 घंटे के भीतर हो जाएगा। राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम पर फैसले में हो रही देरी के संबंध में सवाल करने पर सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हमारे यहां एक प्रक्रिया है मंथन की और मंत्रणा की। कोई विवाद नहीं है कोई देरी नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में फैसला हो गया है। आप देखेंगे कि 48 घंटों के भीतर यहां (राजस्थान) भी फैसला हो जाएगा। उन्होंने मीडिया पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘आप यह सवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से क्यों नहीं करते हैं। उत्तर प्रदेश में नतीजा (विधानसभा चुनाव का) 11 मार्च (2017) को आया लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह 18 मार्च को तय हुआ।
गौरतलब है कि 11 दिसंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं की राय जानने के बाद गहलोत और पायलट से मुलाकात की थी। सभी मुलाकातों और बातचीत के बाद गांधी ने मुख्यमंत्री के नाम पर फैसले को शुक्रवार तक टाल दिया था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के दावेदार गहलोत, पायलट से नए दौर की बातचीत करेंगे राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान के मुख्यमंत्री नाम पर अंतिम फैसला लेने से पहले दो दावेदारों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ शुक्रवार को नए दौर की चर्चा कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री का फैसला दोपहर से पहले हो सकता है और जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इसकी घोषणा की जाएगी। बृहस्पतिवार आधी रात तक चली कई दौर की बातचीत में कांग्रेस के अनुभवी नेता गहलोत इस पद की दौड़ में आगे नजर आ रहे हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पायलट को मनाने की कोशिशें चल रही हैं।
राजस्थान के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के सी वेणुगोपाल ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष अंतिम फैसला लेंगे और फैसले का इंतजार है।” कांग्रेस नेताओं का मानना है कि चूंकि राज्य में विधायकों ने मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेने की जिम्मेदारी गांधी को सौंपी है तो नेताओं को आलाकमान के फैसले को चुनौती नहीं देनी चाहिए और इसे स्वीकार करना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि 41 वर्षीय पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत के नाम पर राजी नहीं हैं जिससे घोषणा में देरी हो रही है।
पीसीसी प्रमुख ने इसका कड़ा विरोध किया है और वह खुद इस पर दावेदारी पेश कर रहे हैं। एआईसीसी के राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष ने सबकी बात सुनी और गहन विचार-विमर्श के बाद वह अंतिम फैसला लेंगे जो सभी को स्वीकार्य होगा। राहुल गांधी सुलह की कोशिशों के तहत अपने आवास पर एक बार फिर पायलट और गहलोत (67) से मुलाकात कर सकते हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश में भी सुलह की कोशिशें की गईं और वहां कमलनाथ को अगला मुख्यमंत्री घोषित किया गया। कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि गहलोत और पायलट विधायक दल की बैठक में एक साथ मौजूद रहें।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने पायलट के नाम पर मुहर लगाने का दबाव बनाने के लिए राज्य में जिस तरह आगजनी और हिंसा की, उससे कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब राजस्थान में इस तरह की घटना हुई है और पार्टी इस मामले को गंभीरता से ले रही है। जयपुर, दौसा और अन्य हिस्सों में बृहस्पतिवार को हिंसा की घटनाएं सामने आईं जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट और गहलोत दोनों से शांति की अपील जारी करने के लिए कहा। पार्टी नेताओं का मानना है कि राजस्थान में अंदरुनी कलह जल्द ही खत्म होनी चाहिए और उसी तरह से मैत्रीपूर्ण समाधान की अपील की जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के फैसले को स्वीकार किया।