सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा आरएसएस के हाथों में खेल रही है। अखिलेश यादव ने बुधवार को यहां कहा कि भाजपा की सरकार हो या संगठन आर.एस.एस. की अनुमति के बगैर आगे नहीं बढ़ सकती है। संघ ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कई निर्देश दिए हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का ध्यान कभी विकास पर नहीं रहा है। वह सामाजिक सौहार्द की दुश्मन है। केंद्र के चार साल और योगी सरकार के 15 महीनों की उपलब्धियों में बताने लायक कुछ भी नहीं है।
जनता ने भाजपा को सत्ता में बैठाया तो लेकिन उसे बदले में नोटबंदी और जीएसटी मिली। महंगाई रूकी नहीं और गरीब की रोजी-रोटी छिन गई। उद्योग धंधे चौपट हो गए। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। बच्चे कुपोषण से मर रहे हैं। महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं रूक नहीं रही हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि सीमा पर जवान शहीद हो रहे हैं और देश में उभरती तानाशाही की काली छाया डराती है। प्रदेश लगभग सभी मोर्चों पर पिछड़ गया है। भाजपा और संघ के लिए चुनाव प्रबंधन है जबकि वह लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया और मतदाता को जागरूक बनाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि राजनीति सेवा का साधन है, सत्ता पाना ही उसका उद्देश्य नहीं है। भाजपा और संघ अपनी मनमानी से विकास के रास्तों में अवरोध पैदा कर रहे हैं। नफरत के बीज बोकर मतदाता का भावनात्मक शोषण करने के मुद्दे उछालने की साजिश में लगे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के वादे और उसके संकल्पपत्र पूरी तरह दिखावटी साबित हुए हैं। राज्य में किसान कर्ज और फसल की बरबादी से परेशान होकर आत्महत्याएं कर रहे हैं। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो रहा है।
किसान को अपने उत्पाद का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। नौजवान बेकारी से त्रस्त हैं। उसके सामने अंधेरा है। शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में अराजकता है। राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। एनकाउण्टर के नाम पर निर्दोष मारे जा रहे हैं। जनता बिजली-पानी के संकट से तड़प रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकारों से जनता का मोहभंग हो गया है। अपनी असफलता छुपाने और जनता का मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने में इन लोगों को विशेष दक्षता प्राप्त है।
उनका आरोप है कि देश में असहिष्णुता और विषमता बढ़कर भाजपा और संघ मिलकर देश को अंधेरे की ओर ले जाना चाहते हैं। देश-प्रदेश के प्रबुद्ध मतदाताओं को इनके बहकावे से बचना है और विकास तथा सौहार्द के लिए भाजपा-संघ की कुटिल चालों को बेनकाब तथा विफल करना है।
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